उच्च पद पाकर भी अफसरों ने… जिलों में नहीं दी ज्वाइनिंग

  • किसान कल्याण संबंधी काम प्रभावित
  • विनोद उपाध्याय
अफसरों

मप्र में सरकार की प्राथमिकता में खेती और किसान है। इसलिए सरकार की कोशिश होती है कि किसानों की सहूलियतों को सबसे अधिक ध्यान रखा जाए। इसी के मद्देनजर दो साल पहले 70 कृषि अधिकारियों को उच्च पद देकर जिलों में पदस्थ किया गया था, लेकिन इन अफसरों ने आज तक जिलों में ज्वाइनिंग नहीं दी है। इससे किसान कल्याण संबंधी काम प्रभावित हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार इन अधिकारियों की चालीस जिलों में पोस्टिंग होना थी। अब इनके द्वारा ज्वाइनिंग नहीं देने के कारण शासन के किसान कल्याण संबंधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। आत्मा योजना अंतर्गत किसानों के हितों में जो कार्यक्रम हो रहे हैं, सक्षम अधिकारियों की कमी से उनमें बाधाएं आ रही है। इन दिनों खरीफ का सीजन शुरू हुआ है। किसानों को प्रशिक्षण, उनके लिए उर्वरक की प्रदायगी, कीटनाशक दवाओं की उपलब्धता, मृदा परीक्षण संबंधी अनेक कामों में तकनीकी बाधा आ रही है।
जिलों में नहीं जाना चाहते अफसर
दरअसल, अधिकारी जिलों में जाना नहीं चाहते हैं। दो साल पूर्व कृषि विभाग में जिन 70 अधिकारियों को उच्च पदभार से नवाजा गया था, उन्होंने आज तक नई जगह ज्वाइनिंग नहीं दी है। जबकि इन्हें तत्काल शासन के आदेश का पालन करना था। अब यह बात पीएस के संज्ञान में लाई गई है। कारण है कि इन अफसरों द्वारा निर्देशों का पालन नहीं करने से जिलों में किसान कल्याण संबंधी सभी काम प्रभावित हो रहा है।
प्रतिबंध के बावजूद प्रमोशन
जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में 70 अधिकारियों को उच्च पदनाम दिया गया था। प्रमोशन पर प्रतिबंध होने के कारण विभाग ने इन्हें उच्च पद देने की करने की प्रक्रिया अपनाई थी। कारण है कि एकजुट अधिकारी उस समय के कृषि मंत्री कमल पटेल के पास पहुंचे थे। तब पटेल ने तत्कालीन पीएस को नोटसीट लिखी थी। इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर को उच्च पद देते हुए ज्वाइंट डायरेक्टर बनाया गया था। इन सभी अधिकारियों को संभाग और जिला मुख्यालयों पर ज्वायनिंग देनी थी। इसकी बाकायदा सूची भी जारी की गई थी। जानकारी के मुताबिक उच्च पद पाने वालों में 15 अधिकारी कृषि संचालनालय के भी हैं। वरिष्ठ पद पाने के बाद इन्हें भी जिलों में ज्वाइनिंग देना थी। बताया जा रहा है कि इन अधिकारियों ने जिलों में जाने से साफ इंकार किया है। जब इन अफसरी ने जिलों में जाने से मनाही की तो मैदानी स्तर पर उच्च पद पाने वाले अधिकारियों ने भी ज्वाइनिंग से परहेज किया। नतीजतन यह मामला भी विभाग ने पूरी तरह दबा दिया है। बताया जाता है कि अब यह पूरा मामला विभाग पीएस अशोक वर्णवाल के सामने आ गया है। वे इस मामले में अधिकारियों में जवाब तलब कर सकते हैं।

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