नई दिल्ली। नीट में अंकों पर हुइ धांधली के मुद्दे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है। शुक्रवार को इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया और कहा कि केवल सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में फोरेंसिक जांच ही लाखों युवा छात्रों के भविष्य की रक्षा कर सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि मोदी सरकार ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से ‘नीट घोटाले को ढंकना’ शुरू कर दिया है।
केंद्र और एनटीए ने बृहस्पतिवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं। केंद्र ने कहा था कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए उन्हें दिए गए प्रतिपूरक अंकों को छोड़ने का विकल्प होगा। वहीं इस मामले पर पीएम मोदी खामोश बने हुए हैं। उनकी खामोशी पर मोदी सरकार ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में दावा किया कि “नीट घोटाला व्यापम 2.0 है” और मोदी सरकार इसे सफेद करना चाहती है। व्यापम या मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल में घोटाला 2013 में सामने आया था। इस घोटाले में उम्मीदवारों ने अधिकारियों को रिश्वत दी थी। उत्तर पुस्तिकाएं लिखने के लिए जालसाजों को नियुक्त करके परीक्षा में धांधली की थी।
बता दें कि नीट में अंकों में हुई गड़बड़ी के बाद लाखों छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों में भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर आक्रोश था। पवन खेड़ा ने कहा कि व्यापक विरोध प्रदर्शन, कई अदालती मामले और छात्रों के जबरदस्त आक्रोश को “प्रेरित” बताने का शिक्षा मंत्री का बयान 24 लाख युवा उम्मीदवारों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है। भारतीय जनता पार्टी और एनडीए सरकार इन युवाओं का भविष्य बर्बाद करने पर तुली है। उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी और प्रधान बताएं क्या यह सच नहीं है कि पटना पुलिस (बिहार) की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) जो एनईईटी-यूजी 2024 पेपर लीक की जांच कर रही है। जिसमें उन्होंने पता चला था कि मेडिकल उम्मीदवारों ने 5 मई को होने वाली परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लेने के लिए रैकेट में शामिल ‘दलालों’ को 30 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक की बड़ी रकम का भुगतान किया था।
पवन खेड़ा ने पूछा कि “क्या शिक्षा मंत्री इस बात से इनकार कर सकते हैं कि गुजरात के गोधरा में एक कोचिंग सेंटर चलाने वाले व्यक्ति, एक शिक्षक और एक अन्य सहित तीन लोगों की संलिप्तता वाले एक एनईईटी-यूजी धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। मामले की जांच में छात्रों, उनके अभिभावकों और आरोपियों के बीच 12 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन का पता चला है?” उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि इस साल, 2024 में, 67 टॉपर्स थे, जिन्हें 720 का परफेक्ट स्कोर दिया गया था, जबकि 2023 में सिर्फ 2 छात्रों को परफेक्ट स्कोर मिला था। क्या यह सच नहीं है कि नीट के नतीजे 10 दिन पहले घोषित किए गए।