भाजपा के क्लीन स्वीप के लिए संघ ने की सवा लाख बैठकें

संघ

समन्वय का सर्वाधिक अच्छा उदाहरण किया गया पेश

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 6 राज्यों में क्लीन स्वीप किया है, लेकिन मप्र 29 सीटें जीतकर सबसे अधिक चर्चा में है। चुनाव के बाद जब इस जीत के कारण जानें तो यह बात सामने आई कि यहां संगठन और संघ में जोरदार समन्वय रहा। एक जानकारी के अनुसार मप्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मप्र की सभी 29 लोकसभा सीटों पर अलग-अलग जगहों पर लगभग 1.24 लाख बैठकें आयोजित की हैं। यानी एक लोकसभा में करीब 4275 बैठकें और प्रति विधानसभा 539 बैठकें। यह बैठकें संघ ने अपने अनुषांगिक संगठनों के साथ मिलकर की है। सबसे अधिक 44 हजार बैठकें मध्यप्रांत में की गई। संघ की तरफ से बाकी संगठनों के साथ समन्वय करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें दो तरह के अभियान चलाए गए। पहला राष्ट्र के नाम वोट और दूसरा लोकमत परिष्कार। इन दो अभियान को लेकर अनुषांगिक संगठनों के साथ हिंदुत्व विचार के सभी संगठनों को बैठकों में शामिल किया गया।
पहले चरण के बाद संघ ने पकड़ा जोर
आरएसएस की संरचना के अनुसार मप्र में उनके तीन प्रांत हैं। इनमें मध्यप्रांत, महाकौशल और मालवा प्रांत शामिल है। मप्र में पहला चरण 19 अप्रैल को था और तब तक संघ की बैठकें शुरू हुई थी। लेकिन पहले चरण में कम वोटिंग होने के बाद तीनों ही प्रांत में संघ ने अधिक वोटिंग का अभियान चलाया। संघ की तरफ से अधिकृत किए गए अधिकारी ने संघ के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदु परिषद, सेवा भारती, बजरंग दल और अन्य वैचारिक संगठनों के साथ मिलकर बैठकों का दौर शुरू किया। पहले प्रांत स्तर पर बैठक हुई। उसके बाद विभाग और फिर जिला स्तर पर। संघ की अपनी विभाग और जिला ईकाई है। संघ के हर जिले में अलग -अलग नगर ईकाई है और हर नगर में बस्ती ईकाई हैं। प्रत्येक स्तर पर बैठकें करके लोगों को राष्ट्रहित में वोटिंग करने की अपील की गई।
मोहन-शिव ने भी नापा प्रदेश  
 भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा खुद खजुराहो से प्रत्याशी थे। यहां से सपा प्रत्याशी का पर्चा निरस्त होने के बाद उनका मुकाबला एकतरफा हो गया था। इसके बाद भी वे अपनी सीट पर लगातार प्रचार करते रहे। इस बीच उनके द्वारा बाकी 28 सीटों पर उन्होंने 148 सभाएं लीं। चारों चरणों के चुनाव के दौरान और मतगणना के दिन वे बीजेपी के चुनावी वॉर रूम से बूथ लेवल के कार्यकर्ता और प्रत्याशियों के सीधे संपर्क में रहे। इसका फायदा यह हुआ की जहां भी कमजोर स्थिति का पता चला उसमें सुधार के लिए कार्यकर्ताओं को लगा दिया। इसी तरह से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने विदिशा सहित 21 लोकसभा क्षेत्रों में 66 सभाएं और 16 रोड शो किए। वे तीन लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों के नामांकन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। 8 से 11 मई तक खंडवा, खरगोन, देवास, रतलाम, उज्जैन और मंदसौर सीट पर 22 से ज्यादा सभाएं लीं। चौथे चरण के अंतिम दिन शिवराज ने उज्जैन लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी अनिल फिरोजिया के समर्थन में खाचरौद, आलोट और माकड़ौन में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। शिवराज ने मालवा निमाड़ के छह लोकसभा क्षेत्रों का दौरा किया। एक दिन में छह से आठ सभाएं और रोड-शो किए। यह सब उनके द्वारा तब किया गया जबकि, वे स्वयं विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे। 

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