नए सिरे से रेखांकित होंगी अब जिला-संभाग की सीमाएंं

जिला-संभाग की सीमाएंं
  • जल्द आकार लेगा जिला पुर्नगठन आयोग

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर प्रदेश में संभाग और जिलों की सीमाओं का पुर्ननिर्धारण किया जाएगा।  इसके लिए सरकार जिला पुर्नगठन आयोग बनाने जा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 10 संभाग और 55 जिले हैं। अब सरकार की प्राथमिकता है कि इनकी सीमाओं का पुर्ननिर्धारण किया जाए।आयोग प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर और अधिक जनोन्मुखी एवं सुलभ प्रशासन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद विकासखंड प्रशासनिक इकाईयों के पुर्नगठन के संबंध में अनुशंसाएं करेगा। भविष्य में नवीन प्रशासनिक इकाईयों के गठन हेतु मार्गदर्शी सिद्धांतों के संबंध में अनुशंसाएं करेगा। प्रशासनिक इकाइयों की पद संरचना एवं उनके आकार एवं कार्यों के अनुपात में पदों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक इकाइयों की पदीय संरचना के युक्तियुक्तकरण की अनुशंसा भी आयोग करेगा। जानकारी के अनुसार जिला पुर्नगठन आयोग बनने के बाद सीमा निर्धारण के प्रस्ताव संभागों के प्रभारी अधिकारी अपर मुख्य सचिव बनाकर आयोग को देंगे। जिसे सरकार को भेजा जाएगा। जिसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसमें विशेष तौर पर यह ध्यान रखा जाएगा कि आमजन को जिला या संभागीय मुख्यालय पहुंचने के लिए ज्यादा दूरी तंय न करनी पड़े। नए जिलों के प्रस्तावों को भी पुर्नगठन आयोग ही देखेगा। प्रदेश में कई गांव या कस्बे जिला मुख्यालयों से बहुत दूर हैं। यहां आने-जाने में आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा है। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर भी कठिनाई होती है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव द्वारा की गई संभागीय समीक्षाओं में जब यह विषय आया तो उन्होंने इसे व्यावहारिक रूप देने के निर्देश अधिकारियों को दिए पर इंदौर को छोडकऱ कहीं भी ठोस काम नहीं हुआ। पिछले दिनों उन्होंने संभागीय समीक्षाओं में दिए निर्देशों पर अमल की स्थिति की समीक्षा की तो बताया गया कि इंदौर संभाग ने इस पर काम किया है। अब मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जिला पुर्नगठन आयोग बनाया जाए। ब्लाक, जिला और संभाग की सीमा के पुर्ननिर्धारण के प्रस्ताव प्रभारी अधिकारी यानी अपर मुख्य सचिवों के माध्यम से आयोग को भेजे जाएं। आयोग इनका परीक्षण करे और अनुशंसा शासन को सौंपे, जिसके आधार पर निर्णय लिया जाए।  
मुख्यालय भोपाल में, अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होंगे
मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुर्नगठन आयोग का मुख्यालय भोपाल में होगा। आयोग एक वर्ष के लिए बनाया गय है जरुरत के मुताबिक इसकी अवधि बढ़ाई जा सकेगी। आयोग में तीन सदस्य होंगे इनमें से एक आयोग का अध्यक्ष होगा। आयोग के अध्यक्ष के पद पर पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव योग्यता रखने वाले व्यक्ति की तैनाती होगी। अध्यक्ष को राज्य सरकार के प्रमुख सचिव के समकक्ष वेतनमान और उस पर समय-समय पर महंगाई भत्ते और अन्य भत्ते दिए जाएंगे।
आयोग के गठन की तैयारी शुरू…
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने आयोग के गठन की तैयारी प्रारंभ कर दी है। सूत्रों का कहना है कि आयोग का गठन इसी माह हो जाएगा और सितंबर तक सभी प्रभारी अधिकारी प्रस्ताव इसे भेज देंगे। प्रदेश में अब नए जिलों का गठन भी इसी आयोग के माध्यम से होगा। ब्लाक, जिला और संभाग की सीमाओं के पुर्ननिर्धारण में जनप्रतिनिधियों की राय ली जाएगी। जिला व जनपद पंचायत के सदस्यों से भी जानकारी ली जाएगी। दरअसल, मुख्यमंत्री का मानना है कि मैदानी स्तर पर कोई भी ऐसा निर्णय जो बड़े वर्ग को प्रभावित करता है वह जनप्रतिनिधियों की सहमति से ही होना चाहिए क्योंकि वे मंत्रालय में बैठे अधिकारियों की तुलना में स्थानीय परिस्थितियों को बेहतर समझते हैं।

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