नई दिल्ली। देश की बीमा कंपनियों और आयुष अस्पताल संचालकों की बैठक में केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि गुणवत्ता मानकों का अस्पताल प्रबंधन सख्ती से पालन करें। मरीजों को आयुष बीमा का लाभ देने के लिए गुणवत्ता और नियमों का पालन की जिम्मेदारी अस्पतालों पर है। वहीं, बीमा कंपनियों से कहा गया कि मरीजों के लिए ज्यादा किफायती आयुष पैकेज तैयार किए जाएं।
सोमवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में आयोजित इस बैठक में दो अलग अलग सत्र के दौरान अस्पताल, बीमा कंपनी और आयुष मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य बीमा से जुड़े कई बिंदुओं पर चर्चा की। केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई क्षेत्रों में एक साथ कार्य कर रही है। मौजूदा समय में करीब 275 से अधिक पैकेज के साथ आयुष बीमा की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन सरकार इसे व्यापक बनाना चाहती है जिसके लिए बैठक में सभी संबंधित लोगों को बुलाया गया।
उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य परियोजना के तहत आयुष पैकेज का लाभ भी मिल सकेगा। इस योजना के तहत पांच लाख रुपये सालाना का स्वास्थ्य बीमा लाभ मिल रहा है। उन्होंने यहां तक कहा है कि आयुष चिकित्सा को बेहतर बनाने के लिए हाल ही में स्वास्थ्य महानिदेशालय के साथ मिलकर गुणवत्ता मानकों के दिशा निर्देश जारी हुए हैं जिसका पालन देश के सभी अस्पतालों को करना है। जल्द ही सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) प्रमाण भी हासिल करेगी। इस पर काफी प्रयास किए जा रहे हैं।
वहीं, आयुष क्षेत्र में बीमा पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक तनुजा नेसारी कहती हैं कि सभी बीमा कंपनियां अब आयुष पैकेज को भी कवर करेंगी। हम इसे और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए दस्तावेजीकरण बहुत महत्वपूर्ण है, जिसे दिन-प्रतिदिन सावधानीपूर्वक किया जाता है। जिससे यह स्पष्ट पता चल जाता है कि सेवा की गुणवत्ता क्या है, हमने किस प्रकार की सेवा दी है।