भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए चारों चरणों का मतदान हो जाने के बाद अब हार जीत को लेकर कयासों का दौर चल रहा है। ऐसे में अब सभी की निगाहें 4 जून को होने वाली मतगणना पर लगी हुई हैं। अहम बात यह है कि इस बार प्रदेश में 9 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां हारे-जीते कोई भी, लेकिन यहां सांसद के रूप में नए चेहरे ही चुने जाएंगे। अगर पिछले चुनाव की बात करें ,तो तब 17 नए सांसद चुने गए थे।
इस बार प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर इस बार दो राज्यसभा सांसद और 6 विधायक भी लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से अगर कोई जीतता है तो फिर उपचुनाव होना भी तय है। लोकसभा चुनाव में जो दो राज्यसभा सांसद भी चुनाव मैदान में हैं, उनमें गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी राज्यसभा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री हैं। वहीं, राजगढ़ लोकसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह भी राज्यसभा सांसद हैं।
दोनों प्रत्याशी जीतते हैं तो उनकी सीट खाली होगी। इसके अलावा 6 विधायक भी इस बार लोकसभा में प्रत्याशी हैं। विदिशा से चुनाव लड़ रहे शिवराज सिंह चौहान अभी बुधनी से विधायक हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने पांच विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारा था। इनमें शहडोल से पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल माकों, मंडला से डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम, सतना से मौजूदा विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, उज्जैन से तराना विधायक महेश परमार और भिंड से भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया शामिल हैं। इन विधायकों में कोई भी सांसद बना तो उनकी रिक्त सीट पर उप चुनाव कराने पड़ेंगे।
दोनों पार्टियों ने पूर्व विधायकों को दिया टिकट
भाजपा ने ग्वालियर से सिटिंग सांसद विवेक शेजवलकर का टिकट काट कर भारत सिंह कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है। ये सिंधिया राजघराने के प्रभाव वाली सीट मानी जाती रही है, लेकिन भाजपा ने 1999 में इसमें सेंध लगाई। 2009 से भाजपा लगातार जीत रही है। इस सीट से भाजपा के दिग्गज अटल बिहारी वाजपेयी तक चुनाव हार चुके हैं। ग्वालियर के वोटर उत्तम यादव कहते हैं कि दोनों हारे हुए विधायक को इस बार सांसद प्रत्याशी बनाया गया था। कोई भी जीते, जनता काम चाहती है। दोनों अनुभवी हैं। उम्मीद है कि लोगों के विकास कार्य होंगे।
28/05/2024
0
118
Less than a minute
You can share this post!