भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण और बढ़ती बिजली उत्पादन लागत के चलते अब मप्र सरकार का फोकस सौर ऊर्जा पर है। इसके लिए तरह -तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। यही वजह है सरकारी दफ्तर हों या फिर निजी घर सभी जगह सौर ऊर्जा के प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस काम में अब बिजली कंपनियों की भी मदद ली जा रही है। बिजली कंपनी ने तय किया है कि उसके मातहत आने वाले 16 जिलों में सौर ऊर्जा बनाने के प्लांट लगाएं जाएंगे। इसके तहत हर जिले में सौ-सौ सोलर रुफ टॉफ प्लांट लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।
इन्हें पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लगाया जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी ने अपने कार्य क्षेत्र के 16 जिलों के 400 वितरण केंद्र प्रभारियों को इसका जिम्मा केंद्र प्रभारी जूनियर इंजीनियरों को सौंपा गया है। इन सभी की मददगार के रूप में एक कर्मचारियों की एक टीम भी काम करेगी। इस टीम का गठन कर लिया गया है। खास बात यह है कि जो भी व्यक्ति सोलर प्लांट लगवाएगा उसे सात प्रतिशत ब्याज दर पर बैंकों से लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए जिन सोलह जिलों का चयन किया या है उनमें मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के तहत आने वाले भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, गुना, शिवपुरी, श्योपुर, राजगढ़, विदिशा, अशोक नगर, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, रायसेन, सीहोर और भोपाल जिले शामिल हैं।
पांच वर्ष में निकल जाएगी लागत
एक मध्यमवर्गीय परिवार में हर महीने 350-400 यूनिट बिजली की खपत होती है। ऐसे परिवारों के लिए तीन किलोवाट का प्लांट लगाया जाता है, जिसमें करीब 360 यूनिट बिजली बनती है। इस प्लांट को लगवाने में उपभोक्ता को लगभग दो लाख रुपये तक का खर्च आता है। इसमें केंद्र सरकार 78 हजार रुपये सब्सिडी के रूप में खाते में लौटा देती है। यानी इस प्लांट का खर्च करीब सवा लाख रुपये आएगा। इसे यदि मासिक बिजली बिल से जोड़ेंगे तो पूरी लागत पांच वर्ष में निकल आएगी। इसके बाद इस्तेमाल होने वाली बिजली मुफ्त रहेगी। इसके एवज में केवल फिक्स चार्ज देना होगा, जो करीब 300-350 रुपये मासिक होता है।
यह है योजना
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना इसी वर्ष 22 जनवरी को घोषित की गई है । इसके तहत करीब एक करोड़ लोगों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना से गांव-शहरों में रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाने वालों को सब्सिडी दी जाएगी। पहले तीन किलोवाट तक का प्लांट लगवाने पर 45 हजार रुपये तक की सब्सिडी की योजना थी। ये सब्सिडी लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
मप्र में सौर ऊर्जा का उत्पादन
प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जानकारी के मुताबिक, पिछले एक दशक में एमपी में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 11 गुना बढ़ी है। यह राज्य की स्थापित क्षमता का लगभग 24 प्रतिशत है। प्रदेश में सौर ऊर्जा क्षमता 52 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वर्तमान में 2778 मेगावाट क्षमता के सौर पार्क संचालित हैं और 3350 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं लागू होने की प्रारंभिक स्थिति में हैं।
24/05/2024
0
61
Less than a minute
You can share this post!