
- जबलपुर जोन में की जा रही नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। यात्रियों को हमेशा से ही खराब रेलवे की पूछताछ व्यवस्था को लेकर नाराजगी रही है। इसकी वजह है कभी फोन नहीं उठना और फोन लग भी गया तो फिर सही जानकारी नहीं मिलना। यही वजह है कि अब इस व्यवस्था में परिवर्तन कर इसे ठेके पर देने की तैयारी की जा रही है। अब नई व्यवस्था मेट्रो की तर्ज पर की जाएगी। इसकी वजह से वह दिन दूर नहीं हैं , जब रेलवे के पूछताछ काउंटर पर ठेकेदार के लोग बैठे हुए नजर आएंगे। यह लोग तय ड्रेस कोड के साथ यात्रियों को ट्रेन सहित स्टेशन से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने का काम करेंगे।
फिलहाल यह व्यवस्था शुरुआती तौर पर भोपाल सहित पमरे जोन के 20 से अधिक प्रमुख स्टेशन पर लागू करने की तैयारी है। इस व्यवस्था के तहत ही ठेकेदार के लोग यात्रियों केो बताएंगे की कौन सी ट्रेन कितनी लेट व किस प्लेटफार्म पर आएगी। कौन सी ट्रेन बदले हुए मार्ग से चलेगी। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तर मध्य रेलवे में इस योजना को लागू किया जा रहा है। इसके बाद पमरे जोन के 20 प्रमुख स्टेशनों पर इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। पूछताछ केंद्र में 24 घंटे निजी कर्मचारी तैनात रहेंगे। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो बाद में इस व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से अन्य प्रमुख स्टेशनों पर भी लागू किया जाएगा।
ठेके की अवधि होगी 3 साल
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यात्रियों को 24 घंटे अच्छी सुविधा मिल सके इसलिए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जा रहा है। इन पूछताछ केंद्रों का तीन वर्ष के लिए निजी कंपनी द्वारा संचालन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले साल पहले रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल कार्यालयों को निर्देश दिए थे कि खर्चों में कटौती की जाए। इसके बाद स्टेशन से लैंडलाइन फोन, इंटरनेट कनेक्शन सहित सफाई कर्मचारियों के पद भी समाप्त किए गए थे। छोटे स्टेशनों पर अनारक्षित टिकट बांटने वाले कर्मचारियों के बजाय कमीशन एजेंटों को काम सौंपा गया था। अब पमरे महत्वपूर्ण स्टेशनों की पूछताछ खिड़कियों पर निजी कर्मचारियों को बैठाने की तैयारी कर रही है।
यात्री होते रहते हैं परेशान
इन दिनों लगभग ज्यादातर यात्रियों के पास स्मार्ट फोन रहते हैं। वह गूगल से ट्रेन संबंधी जानकारी ले लेते हैं , लेकिन कई यात्रियों को जानकारी नहीं मिल पाती है इसलिए यात्रियों की मदद के लिए 24 घंटे की सेवा शुरू की जा रही है। अभी जो कर्मचारी पूछताछ केंद्र पर होते हैं, वे सिर्फ औपचारिकता निभाते है।