4 जून के बाद खुलेगा नौकरियों का पिटारा

लोकसभा चुनाव

खाली पदों पर होंगी ताबड़तोड़ भर्तियां

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। पहले विधानसभा और अब लोकसभा चुनाव के कारण मप्र में सरकारी नौकरियों का पिटारा नहीं खुल पाया है। लेकिन 4 जून को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के साथ ही मोहन सरकार खाली पदों पर ताबड़तोड़ भर्तियां करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर अफसरों ने फरवरी-मार्च में ही खाका तैयार कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि इस साल जनवरी में ही  मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सीएम मोहन यादव ने कहा था कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा रुके हुए सभी परीक्षा परिणाम जल्द घोषित किए जाएं। गौरतलब है की मप्र के सरकारी विभागों में हजारों की संख्या में पद खाली हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब एक लाख पदों को भरने की कवायद शुरू की थी। लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण आधी सीटें ही भर पाई हैं। ऐसे में अब मोहन सरकार इस अभियान को आगे बढ़ा रही है। मोहन सरकार ने जनवरी, फरवरी और मार्च में खाली पदों को भरने का अभियान चलाया था। अब कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बाद नई भर्तियों का सिलसिला शुरू होगा
सामूहिक कार्यक्रम में सीएम बांटेंगे नियुक्ति पर
राज्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विभागीय मंत्रियों की मौजूदगी में नियुक्ति पत्र जारी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने घोषित भर्ती परीक्षा परिणामों के आधार पर नियुक्ति देने को कहा है। 20 विभागों द्वारा रिक्त पदों पर नियुक्तियां दी जाएंगी।
जिन पदों पर नियुक्ति होना है, उनमें औषधि निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, संरक्षक, सहायक प्रोग्रामर, कम्प्यूटर प्रोग्रामर, श्रम निरीक्षक, श्रम उपनिरीक्षक, सहायक, कनिष्ठ सहायक, प्रचार सहायक, अनुसंधान सहायक, सहायक जनसंपर्क अधिकारी, सहायक ग्रेड-1, जिला प्रबंधक, सहायक प्रबंधक (उद्योग), अन्वेषक, पर्यवेक्षक, अनुवादक, संभाग समन्वयक, जिला समन्वयक, ब्लॉक समन्वयक, ग्रंथपाल, सहायक ग्रंथपाल, उप ग्रंथपाल एवं अन्य समकक्ष संवर्ग एवं अन्य समकक्ष पद शामिल हैं। नियुक्ति देने वाले विभाग राजस्व विभाग पटवारी के पदों पर नियुक्ति देगा। इसके अलावा विधि विधायी एवं संसदीय कार्य, वित्त, जनसंपर्क, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, मछुआ कल्याण, सहकारिता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, श्रम, वाणिज्यिक कर, भोपाल गैस त्रासदी, वन, राजस्व, नगरीय प्रशासन, पशुपालन, सूक्ष्य एवं लघु उद्योग विभाग घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर नियुक्ति देंगे।
चुनावों के कारण अटकी नौकरियां
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के कारण मप्र में सरकारी नौकरियों का क्रम रूका हुआ था। पटवारी परीक्षा के रिजल्ट का सही मानते हुए अभ्यार्थियों को नियुक्ति देने के आदेश हो चुके हैं। मोहन सरकार लोकसभा चुनाव से पहले सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर थोक में नियुक्तियां करने जा रही थी। पटवारी समेत अन्य 28 हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हुई थी। हजारों पदों पर नियुक्ति पत्र जारी भी किए गए। लेकिन मार्च के दूसरे पखवाड़े में भर्तियों पर आचार संहिता के कारण ब्रेक लग गया। गौरतलब है कि राज्य शासन ने फरवरी में समूह-2 उपसमूह-4 की परीक्षाओं के घोषित परीक्षाओं के आधार पर नियुक्ति देने के आदेश दिए थे। इसके बाद संबंधित विभागों ने आनन-फानन में परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। सभी विभागों ने काउंसलिंग की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। इसके बाद 1 मार्च से नियुक्ति पत्र दिए गए। बता दें कि 25 जनवरी को मुख्यमंत्री ने भोपाल के रविंद्र भवन में करीब 650 प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा था। यह युवा वर्ष 2019 और 2020 की एमपीपीएससी द्वारा चयनित हुए थे। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के लिए अक्टूबर महीने में आचार संहिता लग गई थी। इसके बाद प्रदेश में प्रवेश परीक्षा परीक्षा के परिणाम और नियुक्ति संबंधी सभी काम टाल गए थे। उसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने के कारण भर्तियों पर विराम लग गया है।

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