- टेंडर अलग-अलग, ठेका एक ही ट्रेवल्स को
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सीएम राइज स्कूल भर्राशाही, लापरवाही और भ्रष्टाचार का केंद्र बन गए हैं। पहले शिक्षकों की पदस्थापना, फिर खराब रिजल्ट और अब बसों के ठेके में हुए घालमेल के कारण एक बार फिर से सीएम राइज स्कूल चर्चा का केंद्र बन गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में सरकार ने स्कूली शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए सीएम राइज स्कूलों को शुरू किया है। लेकिन सरकार की मंशा पर ये स्कूल खरे नहीं उतर पाए हैं।
सरकार सीएम राइज स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों को कई आधुनिक सुविधाओं के साथ ही मुफ्त बस सुविधा देने जा रही है। सीएम राइज स्कूलों के छात्रों को मुफ्त बस सुविधा में 2100 रुपए प्रति विद्यार्थी का सरकारी ठेका दिया गया है। जबकि इसी सुविधा के प्रायवेट स्कूलों में लगभग 1300 रुपए लगते है। सीएम राइज स्कूलों में मुफ्त बस सुविधा देने के लिए संभाग स्तर पर अलग-अलग टेंडर निकाले गए थे, लेकिन ठेका एक ही ट्रेवल्स समया ग्रुप को मिला है। इतना ही ही नहीं समया ग्रुप ने खुद बसे चलाने के बजाय कुछ जिलों में सब ठेका 1000 से 1200 रुपए प्रति विद्यार्थी के हिसाब से दे दिया है। सीएम राइज स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों को मुफ्त बस सुविधा का क्राइटेरिया तय किया गया है। इसमें प्रायमरी क्लास में आने वाले विद्यार्थी स्कूल से एक किमी दायरे के बाहर रहते है, तो उन्हें सुविधा दी जाएगी। जबकि छठवीं से बारहवीं तक दो किमी का दायरा रहेगा। इस दायरे के बाहर के लिए सीएम राइज स्कूलों के विद्यार्थियों को लाने-छोड़ने 2100 रुपए प्रति विद्यार्थी का भुगतान किया जाएगा।
सवालों में टेंडर
जानकारी के अनुसार स्कूल बसों को अनुबंधित करने के लिए दो बार टेंडर निकाले गए थे। पहले जिला स्तर तथा बाद में संभाग स्तर पर टेंडर निकाले गए। पहले एक साल के लिए टेंडर देने का विज्ञापन निकाला गया था। बाद में संशोधित विज्ञापन जारी कर इसे पांच साल के लिए कर दिया गया। दरअसल प्रदेश में पहले चरण में 275 सीएम राइज स्कूल खोले गए है। इन स्कूलों में विश्वस्तरीय सुविधाओं को देने का वादा किया जा रहा है। सीएम राइज स्कूलों में विद्यार्थियों को स्कूल से लाने-छोड़ने के लिए मुफ्त बस सुविधा भी दी जा रही है। उज्जैन, ग्वालियर समेत कुछ संभागों में यह सुविधा शुरू हो चुकी है। जबकि भोपाल संभाग में आचार संहिता के बाद एक जुलाई से स्कूल खुलने पर नि:शुल्क बस सुविधा शुरू होगी। नि:शुल्क बस सुविधा के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने टेंडर जारी किए थे। इसके अनुसार सीएम राइज स्कूल में लगने वाले वाहनों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया जाना है। सीएम राइज स्कूलों में पूरे प्रदेश में लगभग पचास हजार विद्यार्थियों का समया ग्रुप को ठेका मिला है। इतना ही नहीं टेंडर में पहले एक साल तक काम करने की अवधि थी। लेकिन इसे बाद में पांच साल कर दिया गया है। सरकारी ठेके की अधिकतम सीमा पन्द्रह किलोमीटर के दायरे तक है।
इस दायरे में राजधानी में ही प्रायवेट स्कूलों में लगी बस या स्कूल वैन के रेट बहुत कम है। प्रायवेट स्कूलों में लगी बस या स्कूल वैन की बात की जाए, तो एक से पांच किमी के दायरे में 1300 रुपए प्रति विद्यार्थी लिए जाते है। दायरा दस किमी तक हो जाता है, तो 1600 रुपए विद्यार्थी लिया जाता है। स्कूल से पच्चीस किमी तक दायरा होने पर 2000 रुपए लिए जाते है।
कुछ जिलों में छोटे आपरेटरों को ठेका
विभाग के जारी टेंडर प्रदेश के सभी संभागों में अलग -अलग जारी किए गए। लेकिन सभी संभागों का होने के बाद भी एक ही ट्रांसपोर्टर समया ग्रुप को टेंडर मिला। समया ग्रुप को सीएम राइज स्कूलों की मुफ्त बस सुविधा का सरकारी ठेका 2100 रुपए प्रति विद्यार्थी या प्रति बस सीट के अनुसार मिला। ठेका मिलने के बाद कुछ संभागों में (भोपाल छोडक़र ) मुफ्त बस सुविधा शुरू हो गई। खास बात यह है कि समया ग्रुप को खुद ही बसों या वाहनों का संचालन करना था। लेकिन समया ग्रुप ने कुछ जिलों में छोटे आपरेटरों को अपने अधीन ठेका दे दिया। यह ठेका भी 1000 से 1200 रुपए प्रति विद्यार्थी के हिसाब से दिया गया है।v