- गौरव चौहान
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कहना कि इस बार प्रदेश में पूरी तरह से पार्टी का मिशन 29 होगा सफल होगा। इसकी वजह है , छिंदवाड़ा पूरी तरह से मोदी और राममय बना रहा। इससे यह तो तय है कि इस बार छिंदवाड़ा से करीब साढ़े चार दशक का परिवार राज समाप्त हो जाएगा। इससे ही समझा जा सकता है कि इस बार देश में मोदी सरकार और 400 पार का नारा पूरी तरह से सफल होने वाला है। प्रदेश में पहले दो चरण में कम मतदान पर उनका कहना है कि यह चिंता की वजह तो है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह है, निराश कांग्रेस कार्यकर्ता का घर से नहीं निकलना। यह उन्होंने विशेष बातचीत करते हुए कही। प्रस्तुत हैं उनसे बातचीत के मुख्यांश-
– पिछले चुनाव में पार्टी को प्रदेश की 28 सीटों पर जीत मिली थी, इस बार सभी सीटें कैसे जीतेंगे?
ड्ड 1996 में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा जी की जीत को छोड़ दें, तो 1977 से आज तक छिंदवाड़ा कांग्रेस जीतती रही है। एक ही परिवार साढ़े चार दशक से छिंदवाड़ा पर काबिज रहा है। लेकिन इस बार जिस तरह से भाजपा कार्यकर्ताओं ने मेहनत की और छिंदवाड़ा का वातावरण मोदीमय- राममय हुआ, उससे निश्चित रूप में इस बार हम छिंदवाड़ा में बड़ी जीत हासिल करेंगे। विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा में पहली बार भाजपा का बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा। परासिया-जुनारदेव में कांग्रेस 2 हजार से 4 हजार के मार्जिन से ही जीत सकी। लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे और मोदी गारंटियों पर लड़ा जा रहा है। जनता ने तय कर लिया है कि मोदी जी को पुन प्रधानमंत्री बनाना है। अकेले छिंदवाड़ा में आयुष्मान भारत योजना के 14 लाख के लाभार्थी हैं। यह मप्र में सर्वाधिक है।
– दिग्विजय के कारण इस बार राजगढ़ में क्या कड़ी चुनौती है?
ड्ड दिग्विजय भाजपा के लिए न पहले चुनौती थे और न अब हैं। जो मप्र के लिए बंटाधार साबित हो चुका हो, जो राम का विरोधी हो, आतंकियों को जी कहता हो उससे भला क्या चुनौती हो सकती है। राजगढ़ इस समय मोदी और राममय बना हुआ है। मुझे लगता है इस बार दिग्विजय की राजगढ़ की जनता जमानत जब्त करेगी।
– पहले दो चरण के मतदान में कम मतदान की वजह? और इससे किसे फायदा या नुकसान होगा
ड्ड निश्चित रूप से पहले दोनों चरण में मतदान कम होना चिंताजनक है। इसकी तीन प्रमुख वजह रहीं। एक-कांग्रेस का निराश कार्यकर्ता मतदान करने के लिए घर से नहीं निकला। दूसरा-मतदान की तारीख के दिन शादियों का मुहूर्त था और तीसरा बड़ा कारण मतदान केंद्रों पर डिजिटल वोटर आईडी स्वीकार नहीं करना।
– आप तो दिग्विजय को राम व राम मंदिर द्रोही कहते हैं?
ड्ड मेरा तो इतना ही कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दिग्विजय यह कहें कि वहां राम मंदिर बनाने की हमारी इच्छा नहीं थी। ढांचा तोड़ना था, जगह पर कब्जा करना था। इसे आप क्या कहेंगे? भगवान राम का मंदिर बनाने में कांग्रेस हमेशा से अंडग़े लगाती रही है। ऐसे में दिग्विजय को रामद्रोही नहीं तो क्या राम भक्त बोलें?
– लोकसभा चुनाव में किसी विधायक को नहीं उतारने के पीछे क्या रणनीति रही?
ड्ड सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाना भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की रणनीति का हिस्सा था। उसका भाजपा को लाभ भी मिला और हम ऐतिहासिक बहुमत से विधानसभा चुनाव जीते भी। अब जब विधायक निर्वाचित हो गए हैं तो , बार-बार एक ही व्यक्ति को क्यों लड़ाना। उनसे कहा गया है कि आपको जो जवाबदारी मिली है उसे निभाएं।
– मप्र में कौन सा मुद्दा चुनाव परिणाम तय करेगा?
ड्ड सबसे बड़ा मुद्दा यही है कि कांग्रेस ने खुद को एक वर्ग के साथ खड़ा करने की गलती की है। कांग्रेस को इसकी कीमत चुकानी पड़ी। उसके चुनावी न्याय-पत्र (घोषणा पत्र) को देख लीजिए, आज भी मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर वह देश में जातीय वैमनस्य फैलाना चाहती है। कांग्रेस के कालखंड को जनता ने 55 साल तक अच्छी तरह से देख और भोग लिया है। देश और जनता अब कांग्रेस से मुक्ति चाहते हैं।
– भाजपा में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता शामिल हो रहे हैं। क्या इससे भाजपा का कैडर प्रभावित नहीं होगा?
ड्ड नहीं ऐसा नहीं है। भाजपा आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस में बहुत सारे अच्छे नेता और कार्यकर्ता हैं, जिन्हें लगता है कि वे भाजपा के साथ रहकर देश और समाज की सेवा बेहतर तरीके से कर सकते हैं, तो उनको अवसर क्यों नहीं मिलना चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ता इसलिए भी पीएम मोदी और भाजपा से प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राम मंदिर का अनादर किया। राम लला की प्रतिष्ठा के आमंत्रण को ठुकराया।
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपकी तारीफ की। आप इसे किस रूप में लेते हैं?
ड्ड यह उनकी महानता है। यह उनका बड़ा मन है। सच तो यह है कि एमपी के मन में मोदी-मोदी के मन में एमपी नारे के बाद मप्र में 25 लाख नए लोगों ने भाजपा की सदस्यता ली। उन्हीं के कारण मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत हुई।
– इस चुनाव में कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रही है। इसका असर नहीं पड़ेगा?
ड्ड महंगाई और भ्रष्टाचार अब कोई मुद्दा ही नहीं रह गया है। भ्रष्टाचारी जितने थे सब जेल में हैं। प्रधानमंत्री मोदी की गरीब कल्याण योजनाओं और गारंटियों की बदौलत पिछले दस साल में देश में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं। अकेले मप्र में ऐसे लोगों की संख्या करीब ढाई करोड़ है। हर माह 75 हजार बेरोजगारों को खुद पीएम मोदी नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। इसके साथ किसान सम्मान निधि, उज्जवला, पीएम आवास, आयुष्मान और लाड़ली बहना जैसी योजनाओं का सीधा लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा है।
– आरोप है कि खजुराहो में सपा का पर्चा आपने निरस्त कराया? क्या यह सही है?
ड्ड सच तो यह है कि सपा प्रत्याशी द्वारा ऐसा जानबूझकर किया गया। यह कांग्रेस और सपा की अंदरूनी का कलह का परिणाम है। सपा प्रत्याशी खुद विधायक हैं और उनके पति तीन बार के विधायक हैं। इसके अलावा सपा प्रत्याशी आरोप लगा चुकी हैं कि उनका वकील कांग्रेस से मिला हुआ था।
– आपके क्षेत्र में खास चुनौती नहीं थी। फिर भी पूरे जोर शोर से प्रचार में लगे रहे ?
ड्ड ऐसा नही है, इंडी गठबंधन और बसपा सहित 13 प्रत्याशी मैदान में थे। पिछले चुनाव में हम खजुराहो के 2293 बूथों में से 173 में हारे थे। उन बूथों पर विजयी होना था। प्रधानमंत्री मोदी ने हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का लक्ष्य दिया, उसे हासिल करना था। पिछले चुनाव में मतदान के 64.5 प्रतिशत वोट मिले थे, उसे 10 प्रतिशत बढ़ाना था। फिर ऐतिहासिक बहुमत से जीतना है, इसलिए भी गांव-गांव घूमकर प्रचार किया और लोगों से संवाद किया।
– लोकसभा चुनाव बाद आपकी क्या भूमिका होगी।
उत्तर- फिलहाल तो पूरा ध्यान अबकी बार फिर मोदी सरकार, 400 पार और प्रदेश में 29 लोकसभा सीटें जीतने पर है। अभी जो हूं नरेंद्र मोदी जी, अमित शाह जी की वजह से हूं। मेरी आगे की भूमिका और जिम्मेदारी क्या होगी, यह भी वही तय करेंगे।