नई दिल्ली। भारतीय पुरुष पहलवान बजरंग पूनिया को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। इस कारण बजरंग के पेरिस ओलंपिक में शामिल होने को लेकर तगड़ा झटका लगा है। नाडा के अनुसार, बजरंग ने 10 मार्च को सोनीपत में हुए चयन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए सैंपल देने से मना कर दिया था जिस कारण उन पर यह कार्रवाई की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर बजरंग पर से समय रहते निलंबन नहीं हटाया गया तो वह अगले महीने होने वाले चयन ट्रायल सहित किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। मालूम हो कि बजरंग ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। अब तक किसी भी भारतीय ने 65 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल नहीं किया है। सुजीत कलकल नौ मई से इस्तांबुल में होने वाले विश्व क्वालीफायर्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
बजरंग ने सोनीपत में हुए ट्रायल के दौरान अपने यूरीन का सैंपल देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद नाडा ने उनसे सैंपल देने के लिए कहा था। नाडा ने इस बारे में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) को सूचित किया जिसके बाद वाडा ने नाडा को सुझाव दिया कि वे बजरंग को नोटिस भेजकर जवाब मांगे कि उन्होंने टेस्ट से इनकार क्यों किया। नाडा ने 23 अप्रैल को बजरंग को नोटिस जारी कर सात मई तक जवाब देने कहा है। बजरंग को पेरिस ओलंपिक क्वालिफायर्स के लिए आयोजित राष्ट्रीय चयन ट्रायल्स में हार का सामना करना पड़ा था।
बजरंग ने कुछ महीने पहले एक वीडियो जारी कर डोप कलेक्शन किट के एक्पायर होने का आरोप लगाया था। नाडा ने बयान में कहा, ‘बजरंग को मामले की सुनवाई के दौरान अंतिम निर्णय लेने से पहले किसी प्रतियोगिता या ट्रायल में भाग लेने से अस्थायी रूप से निलंबित किया जाता है।’ दिलचस्प बात यह है कि निलंबन पत्र वर्ल्ड यूनाइटेड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की भंग हो चुकी तदर्थ समिति को भेजा गया था।