बंगलुरू। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने अंतरिक्ष में रुचि रखने वाले लोगों के साथ बात की। रविवार को इसरो के सोशल मीडिया पेज के माध्यम से बात करते हुए सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में निजी कंपनियां निश्चित रूप से रिसर्च को बढ़ावा देने में मदद करेंगी।
बातचीत के दौरान ‘स्पेसएक्स ने अधिकांश देशों की तुलना में अतंरिक्ष क्षेत्र में अधिक योगदान दिया है’ के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों को बढ़ावा देना अमेरिकी की परंपरा रही है। अमेरिका निजी कंपनियों को रॉकेट इंजन बनाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। स्पेसएक्स जैसे कंपनियां प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने, लागत कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। भारत में भी निजी कंपनियों के लिए इस प्रकार की क्षमताएं विकसित करना संभव है। हालांकि, यह तभी संभव होगा, जब सरकार निजी कंपनियों को प्रोत्साहित करेंगी। नासा अपनी कुछ तकनीक स्पेसएक्स के साथ साझा करती हैं, जिससे वे तेजी से विकास कर सके। यही वजह है कि स्पेसएक्स इतनी प्रगति कर रहा है।
सोमनाथ ने कहा कि भारत में भी दो कंपनियां काम कर रही हैं- स्काईरूट एयरोस्पेस और अग्निकुल कॉसमॉस। ये कंपनियां पहले ही लॉन्च वाहनों का परीक्षण कर चुकी हैं। भारत को आगे बढ़ते देख हम उत्साहित हैं। यह एक दिलचस्प है।
इससे पहले, इसरो अध्यक्ष ने एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया, अहमदाबाद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम कहा था कि चंद्रयान-3 का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। हमने मिशन द्वारा भेजा गया डेटा भी एकत्र कर लिया है। वैज्ञानिक जांच भी शुरू हो गई है। हम चंद्रयान श्रृंखला को तब तक जारी रखना चाहते हैं जब तक कोई भारतीय चंद्रमा पर नहीं उतर जाता। हालांकि, इससे पहले हमें कई तकनीक में पारंगत होना होगा- जैसे चांद पर जाना और चांद से वापस आना। हम अगले मिशन में इसकी कोशिश करेंगे।