परमाणु प्रसार के खतरे को बढ़ा रहा पश्चिम: वांग यी

बीजिंग। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी “एयूकेयूएस” में शामिल पश्चिमी देशों पर निशाना साधा है। वांग ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका विभाजनकारी रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही ये देश दक्षिणी प्रशांत को शक्ति प्रतिस्पर्धा का अखाड़ा बनाने पर तुले हैं।

गौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्री वांग ने ये टिप्पणी अपने पापुआ न्यू गिनी के दौरे के दौरान की। शनिवार को द्वीप राष्ट्र के साथ अपनी राजनयिक उपलब्धियों को बताते हुए उन्होंने इन देशों पर दक्षिण प्रशांत में परमाणु प्रसार के जोखिम को बढ़ाने का आरोप भी लगाया। वांग की ये यात्रा तब हो रही है जब आने वाले कुछ दिनों में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज भी द्वीप राष्ट्र पापुआ न्यू गिनी का दौरा करने वाले हैं। ये इस क्षेत्र में चीन और अमेरिका समर्थित इस गुट के बीच टकराव को साफ दिखाता है।

इस दौरान वांग ने “एयूकेयूएस” देशों की घोषणा के बारे में बताते हुए कहा कि वे (ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) इसी महीने की शुरुआत में उन्नत प्रौद्योगिकी को लेकर जापान के साथ समझौता करने पर विचार कर रहे हैं। “एयूकेयूएस” द्वारा क्षेत्र में टकराव को बढ़ावा देने वाली ऐसी पहल में और भी ज्यादा देशों को शामिल करने के ये प्रयास पूरी तरह से असंगत है।

इस दौरान उन्होंने प्रशांत महासागर के द्वीपीय देशों के साथ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों की भी आलोचना की। वांग ने कहा कि दक्षिण प्रशांत क्षेत्र को शक्ति प्रतिस्पर्धा का अखाड़ा नहीं बनना चाहिए। किसी भी देश को इन द्वीप देशों को अपने बैकयार्ड के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

इससे पहले, वांग ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जस्टिन टकाचेंको के साथ बैठक भी की। इसमें दोनों के बीच जल्द से जल्द मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने और पुलिस सहयोग पर चर्चा हुई।

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