- कई इलाकों में अब भी राहत का इंतजार
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बीते छह माह से बेहद खराब हवा में रहने वाले शहरवासियों को अब राहत मिली है। इसके साथ ही प्रदेश भर से इस मामले में इसी तरह की अच्छी खबर है। यह बात अलग है कि राजधानी में अब भी कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर अब भी लोगों को इस तरह की राहत का इंतजार बना हुआ है। हाल ही में जो आंकड़े सामने आए हैं उसके मुताबिक भोपाल में अब एक्यूआई का स्तर 100 के नीचे आ गया है। जिसे संतोषजनकर श्रेणी में माना जाता है। बीते साल अक्टूबर- नवंबर में राजधानी की वहा इतनी अधिक प्रदूषित हो गई थी, कि उसका मानक स्तर एक्यूआई 300 के ऊपर तक चला गया था। उस समय नगर निगम और जिला प्रशासन को प्रदूषण कम करने के लिए कुछ कदम तक उठाना पड़े थे। दरअसल हवा में सुधार होने की वजह है प्राकृतिक रूप से हुआ बदलाव। दरअसल बीते सप्ताह सप्ताह शहर के मौसम में बदलाव के चलते करीब एक सप्ताह तक राजधानी सहित प्रदेशभर में तेज हवा के साथ ही बारिश भी हुई, जिसकी वजह से धूल के कण दब गए और हवा साफ हो गई है। यही वजह है कि अभी शहरभर की हवा साफ हो गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक कलेक्टर परिसर के पास हवा सबसे ज्यादा अच्छी स्थिति में बनी हुई है। यहां का एक्यूआई 78 है। पिछले दिनों तक यहां का एक्यूआई 200 से 300 के बीच बना हुआ था। पर्यावरण परिसर और कोलार क्षेत्र की हवा ज्यादा प्रदूषित रहती है, जहां भी अब कुछ हद तक सुधार हुआ है। पर्यावरण परिसर के पास एक्यूआई 90 के आसपास बना हुआ है। इसी तरह से शहर में पीएम 10 और पीएम 2.5 के स्तर में भी कमी आई है।
ठेकेदारों की लापरवाही
राजधानी में अब भी चूनाभट्टी से लेकर पूरे कोलार इलाके में सर्वाधिक हवा प्रदूषित है। इसकी वजह है यहां बनने वाली सडक़। ठेकेदार से लेकर संबधित अफसर इस मामले में बेहद लापरवाह बने हुए हैं। ठेकेदार ने मनमाने तरीके से जगह-जगह सडक़ खोदकर छोड़ दी है। जहां पर सडक़ बन चुकी है उसके आस पास मिट्टी के ढेर लगे हुए है। बनी हुई सडक़ की भी सफाई नहीं की है, जिससे वाहनों के निकलने पर दिनभर धूल के गुबार उड़ते रहते हैं।
सिंगरौली सर्वाधिक प्रदूषित
प्रदेश में सिंगरौली ऐसा शहर है जो बीते लंबे समय से सर्वाधिक प्रदूषित बना हुआ है। यहां एक्यूआई 251 है। यानी यहां की हवा खराब स्थिति में है। वहीं खंडवा और दमोह इस समय सबसे ज्यादा साफ हैं। यहां एक्यूआई 40 के नीचे आ गया है। इससे हवा अच्छी स्थिति में आ गई है। सिंगरौली के प्रदूषित होने की वजह है, वहां की कोयला खदानें।
इस तरह से किया जाता है मॉनिटर
शहरों में एयर पॉल्यूशन की जांच के लिए दो तरह से सिस्टम काम करते हैं। पहला ऑटोमेटिक सिस्टम होता है। यह सेंट्रल गवर्नमेंट ऑपरेट करती है। यह शहर में ऐसी जगह लगाया जाता है, जहां सभी तरह की एक्टिविटी यानी रहवासी, व्यापारिक और अन्य तरह की एक्टिविटी ज्यादा होती हैं। यह हर सेकंड अपडेट होता है। यह कम्प्यूटराइज्ड होता है। राज्य सरकार का प्रदूषण विभाग भी वायु प्रदूषण की जांच करता है। यह शहर में कई जगह हवा में प्रदूषण की जांच के लिए मशीनरी लगाते हैं। इसे मैन्युअली ऑपरेट किया जाता है। एक व्यक्ति दिन में एक बार इसकी जांच करता है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) हवा की गुणवत्ता को बताता है। इससे पता चलता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली है। हवा की क्वालिटी के आधार पर इस इंडेक्स में 6 कैटेगरी बनाई गई हैं। यह हैं अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित। इसके अलावा, खराब, बहुत खराब और गंभीर है।