- पांच साल से है कार्यकारिणी के गठन का इंतजार …
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस भले ही दावे करे की वह इस बार इंदौर लोकसभा सीट जीत सकती है, लेकिन उसका यह दावा हवा हवाई ही लगता है। इसकी वजह है यह सीट भाजपा का गढ़ तो है ही साथ ही भाजपा जैसे मजबूत संगठन का कांग्रेस बगैर संगठन के मुकाबला कैसे करेगी। संगठन की जीत में अहम भूमिका होती है, लेकिन इंदौर में कांग्रेस की स्थिति उस सेनापति की जैसी है, जिसके पास सेना ही नहीं है। इसके लिए पार्टी नेता ही जिम्मेदार हैं।
दरअसल यहां पर एक अध्यक्ष, 6 कार्यवाहक अध्यक्ष और 1 संगठन महामंत्री है, लेकिन उनके पास कार्यकारिणी ही नहीं है। यह हाल बीते पांच सालों से बना हुआ है। पार्टी के प्रावधान के अनुसार इंदौर कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारी समेत कुल 31 सदस्य होना चाहिए, लेकिन पिछले 5 साल से शहर कांग्रेस कमेटी का गठन ही नहीं किया गया है। इसका ही परिणाम है कि विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था और यही स्थिति अब लोकसभा चुनाव में भी रह सकती है। बीते साल विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस शहर अध्यक्ष की नियुक्ति की गई थी। चुनाव हारे तो पार्टी ने शहर में आधा दर्जन नेताओं को कार्यकारी शहर अध्यक्ष बना दिया । इनमें से एक ने हाल ही में पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद भी शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह अपनी टीम नहीं बना पाए हैं। दरअसल पार्टी का दावा था कि इंदौर में संगठन नहीं होने की वजह से बूथ स्तर तक संगठनात्मक ढांचा खड़ा करने के लिए इन कार्यवाहक अध्यक्षों की नियुक्तियां की गई हैं। पार्टी का मानना था कि यह कार्यवाहक अध्यक्ष कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेंगे, लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं है। अहम बात यह है कि जिन कार्यवाहक अध्यक्षों की भोपाल से ताबड़तोड़ नियुक्तियां की गई थीं, उन्हें अब तक संगठनात्मक रूप से कोई जवाबदारी ही नहीं दी गई है।
बन चुकी है 1350 लोगों की जंबो कार्यकारिणी
कांग्रेस कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 2006-07 के बाद जब प्रमोद टंडन शहर अध्यक्ष बने थे, तो उन्होंने इंदौर कांग्रेस की परंपरा को बदलते हुए सबसे बड़ी कार्यकारिणी तैयार की थी। टंडन ने उस समय लगभग 650 लोगों की जंबो कार्यकारिणी घोषित की थी। इसके बाद जब 2017-18 में प्रमोद टंडन पूर्ण कालिक अध्यक्ष और विनय बाकलीवाल कार्यवाहक अध्यक्ष थे, तब भी एक कार्यकारिणी घोषित की गई थी। यह इंदौर कांग्रेस के इतिहास की सबसे बड़ी कार्यकारिणी थी। इस समय टंडन और बाकलीवाल ने लगभग 1350 लोगों की मेगा जंबो कार्यकारिणी घोषित की थी। यही नहीं इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी से पूर्णकालिक अध्यक्ष बने विनय बाकलीवाल लगभग 4 साल से ज्यादा समय तक इंदौर कांग्रेस शहर अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज थे। लेकिन इस दौरान उन्होंने कभी कार्यकारिणी गठन का काम नहीं किया। सूत्रों का कहना है कि दिसंबर 2022 में कांग्रेस शहर अध्यक्ष की कुर्सी बचाने के लिए बाकलीवाल ने आनन- फानन में 350 लोगों की जंबो कार्यकारिणी बनाकर कांग्रेस के सभी खेमों को खुश करने की कोशिश की थी। लेकिन भोपाल में कांग्रेस आलाकमान ने उनकी तैयार कार्यकारिणी की सूची को रोक दिया था।
पटवारी चाहते है छोटी कार्यकारिणी
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस कमेटी में दो उपाध्यक्ष, दो महामंत्री, पांच सचिव, एक कोषाध्यक्ष, 11 कार्यकारिणी सदस्य सहित 31 पदाधिकारियों की कांग्रेस कमेटी का गठन होना है। जिसके लिए पिछले दिनों प्रदेश कार्यालय में एक बैठक भी हो चुकी है। जिसमें शहर अध्यक्ष सुरजीत ने कहा था कि पीसीसी चीफ व एआईसीसी के प्रावधान के तहत 31 पदाधिकारियों की छोटी कार्यकारिणी ही बने, जिस पर संजय शुक्ला, विशाल पटेल और पिंटू जोशी ने अपना विरोध यह कहते हुए दर्ज कराया था कि छोटी कार्यकारिणी का गठन होगा तो हम लोकसभा चुनाव में ठीक से काम नहीं कर पाएंगे। हालत यह है कि इंदौर में इस समय 85 मंडलम और 24 ब्लॉक अध्यक्ष है। लेकिन बैठकों व कार्यक्रमों में आधे से ज्यादा ब्लॉक व मंडलम अध्यक्ष रहते है। वहीं जीते-हारे पार्षद भी बुलाने के बावजूद बैठकों से नदारद रहते हैं।