- लाल की जगह पिंक कलर की होंगी बसें
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की डा. मोहन सरकार जल्द ही प्रदेश की महिलाओं को सुरक्षित सफर के लिए नई सौगात देने जा रही है। यह सौगात खासतौर पर शहरी महिलाओं को मिलेगी। इन बसों की खासियत यह होगी की बसों की चालक व कंडक्टर भी महिलाएं ही होंगी। इन बसों की आसानी से पहचान हो सके इसके लिए इनका रंग लाल की जगह पिंक रखा जाएगा। इन बसों में किसी भी पुरुष का किसी भी हाल में प्रवेश नहीं होगा। इसके लिए प्रशासन स्तर पर तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद यह सुविधा शुरु हो जाएगी। इसकी शुरुआत भोपाल के अलावा इंदौर, ग्वालियर में एक साथ की जाएगी। इसके बाद अन्य शहरों में भी इस योजना को लागू किया जाएगा। इस संबंध में विभाग द्वारा बीसीएलएल को एक पत्र भी भेजा जा चुका है। गौरतलब है कि एक दशक पहले भी भोपाल में इसी तरह की सुविधा शुरु की गई थी, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। भोपाल में एक बस से इसकी शुरुआत की जाएगी। जिसका संचालन नगर निगम की होल्डिंग कंपनी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड करेगी। फिलहाल इस तरह की बसें चलाने के लिए रूट तय करने के लिए सर्वे का काम किया जा रहा है। इसमें उन मार्गों को तलाश जा रहा है, जिन पर महिलाएं अधिक सफर करती हैं। इसका मकसद है, बस संचालन के दौरान अधिक से अधिक महिलाओं को यह सुविधा देना। फिलहाल इस योजना के लिए तीन शहरों का चयन किया गया है। इन तीनों ही शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए लो-फ्लोर बसों का संचालन होता है। इसके अलावा इंटरसिटी बसें भी चलती हैं, लेकिन यह एक-दूसरे शहरों को कनेक्ट नहीं करती हैं। इसलिए सिर्फ लोकल सिटी में ही बसें चलेंगी।
इस तरह की तैयार की जा रही योजना
इन पिंक बसों में ड्राइवर-कंडक्टर का काम भी महिलाओं के ही जिम्मे होगा। इसके लिए महिला ड्रायवर को प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें सरकार कॉमर्शियल लायसेंस देगी। इसके साथ ही महिलाओं के अधिक आगमन को देखते हुए समय निर्धारित किया जाएगा। इन बसों में आपात स्थिति के लिए पुलिस, एम्बुलेंस और फायर कंट्रोल के नंबर होंगे। इसके अलावा सीनियर सिटीजन, दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीट की व्यवस्था रहेगी और बसों में सुरक्षा के लिए पैनिक बटन और जीपीएस ट्रेकर की भी सुविधा होगी।
2 पाली में होगा संचालन
बसों का संचालन दो पाली में होगा। पहली पाली सुबह साढ़े 6 से दोपहर ढाई और दूसरी पाली का समय दोपहर ढाई से रात साढ़े 10 बजे तक का निर्धारित किया जा रहा है। बस का स्टाफ ड्रेस कोड में रहेगा। जबकि इसकी निगरानी स्मार्ट सिटी वाले शहरों में मौजूद कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से होगी। पिक बसों में महिला यात्रियों को टिकट कंडेक्टर और डिजिटल के रूप से प्रदाय करने की सुविधा होगी।