पीएम आवास के लिए परेशान हितग्राही

पीएम आवास
  • पैसे लेने के 3 साल बाद निगम नहीं बना पाया आवास

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार द्वारा गरीबों को लगातार पीएम आवास दिलाने के वादे किए जाते हैं। लेकिन राजधानी भोपाल में ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान खरीदने वाले हितग्राहियों का सपना अभी भी अधूरा ही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम ने छत दिलाने का सपना दिखाया था, जो पिछले 3 साल से अधूरा है। बाग मुगालिया, गंगानगर कोटरा सुल्तानाबाद में नगर निगम ने मकान बना कर देने के लिए बुकिंग की थी। 3 साल बीत जाने के बाद भी नगर निगम ने अब तक मकान हितग्राहियों को नहीं दिया है। फिलहाल हितग्राही परेशान हो
रहे  हैं। स्थिति यह है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र व्यक्ति पिछले तीन साल से मकान लेने के लिए यहां-वहां चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। सरकार ने इस उम्मीद के साथ पीएम आवास योजना शुरू की थी कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति का अपना आशियाना हो। इसके चलते कई लोगों ने 5 लाख के ईडब्ल्यूएस से लेकर 30 लाख के एमआईजी में पैसा जमा कराया। वहीं, आवास बनने की रफ्तार ऐसी है कि मकान मिलना तो दूर की बात रही, निर्माण कब पूरा होगा, इसका फिलहाल किसी को पता नहीं है। कई लोगों ने पीएम आवास की खातिर अपनी जमा पूंजी सहित परिचितों और बैंकों से लोन तक ले लिया। उम्मीद थी कि तय समय में मकान मिलने से किराए से मुक्ति मिलेगी, लेकिन तीन साल गुजरने के बाद भी मकान नहीं मिला। आगे कब मिलेंगे इसकी भी उम्मीद नहीं है। लोगों पर अब दोहरी आर्थिक मार पड़ रही है। हालांकि कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि निगम व निर्माण एजेंसी के साथ बैठक करेंगे। पीएम आवास के निर्माण में आने वाली दिक्कतों को लेकर नगर निगम और निर्माण एजेंसी के साथ जल्द ही बैठक करेंगे। लोगों को जल्द से जल्द आवास दिलाने का प्रयास करेंगे।
कर्ज चुकाकर परेशान हो रहे हितग्राही
आज भी ये परिवार भुगतान करने के बाद भी बैंक की किश्त अदा करने के साथ ही किराया देने को मजबूर है। दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत  बाग मुगालिया, गंगानगर कोटरा सुल्तानाबाद प्रोजेक्ट पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर शुरू किया गया था। लोगों से 5 लाख ईडब्ल्यूएस के लिए और 30 लाख  एमआईजी के लिए पैसा जमा कराया गया था। नगर निगम ने 18 महीने में मकान कम्पलीट कर देने का वादा किया था। 3 साल गुजर जाने के बाद भी हितग्राहियों को मकान नहीं दे पाए हैं। इसमें 90 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बैंक से लोन लेकर पैसा जमा कर दिया है। बाग मुगालिया में पीएम आवास के तहत बन रहे ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवास का पजेशन दिया नहीं और निगम ने दो दिन पहले एमआईजी और एलओईजी वालों की च्वाइस फिलिंग शुरू कर दी। पता चलते ही लोग वहां पहुंच गए। पजेशन की मांग को लेकर विरोध इतना हुआ कि नगर निगम की टीम को च्वाइस फिलिंग का कार्यक्रम बीच में रोकते हुए भागना पड़ा। गंगानगर कोटरा सुल्तानाबाद में आवासों का निर्माण हुए 7 साल हो चुके है। आवंटन भी 3 साल पहले हुआ, लेकिन पात्रों को मकान नहीं मिले। पवन कुमार ने बताया कि दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ तो लोन की किस्त जा रही है, तो दूसरी तरफ मकान का किराया भी देना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने अधूरे फ्लैट की ही रजिस्ट्री तक करवा ली।

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