जंगल व वन्य प्राणियों की सुरक्षा का जिम्मा होगा वनवीरों पर

जंगल व वन्य प्राणियों

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अग्निवीर की तर्ज पर अब प्रदेश सरकार वनवीरों की भर्ती की योजना पर काम कर रही है। इन वनवीरों को जंगलों की सुरक्षा से लेकर वन्य प्राणियों की रक्षा का जिम्मा सौंपा जाएगा।  वन वीरों की भर्ती के लिए नियमों को भी तैयार लगभग कर लिया गया है। इनमें उन युवकों को वरीयता दी जाएगी , जो जंगलों के आसपास रहते हैं। इनमें ग्रामीण, वनवासी और आदिवासी युवा खासतौर पर होंगे। इनकी भर्ती पांच साल के लिए की जाएगी। इनमें वन्य जीवों की सुरक्षा का खास ध्यान रखने के लिए बाघ मित्र, चीता मित्र और हाथी मित्र नियुक्त करने का भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत जंगल के अंदर और उसके आस-पास रहने वाले ग्रामीण, वनवासी और आदिवासी युवाओं को महत्व देने की वजह है, वे न केवल जंगलों से पूरी तरह से वाफिक होते हैं , बल्कि वे जंगली जानवरों  के बारे में भी पूरी जानकारी रखते हैं। यही नहीं उनकी यह भी पता है कि वन माफिया कहां से और किस मार्ग का उपयोग तस्करी के लिए करते हैं। अहम बात यह है कि भर्ती होने वाले वनवीरों के कामकाज का हर साल आंकलन किया जाएगा और उसके बाद उनकी सेवा में वृद्धि की जाएगी। इस दौरान उन्हें तय शुदा राशि मानदेय के रूप में दी जाएगी। पांच साल बाद भर्ती किए गए कुल वन वीरों में से अच्छा प्रदर्शन करने वाले 30 प्रतिशत लोगों को वन रक्षक के पद पर नियमित नियुक्ति प्रदान की जाएगी। वहीं चीतों के प्रति जागरूकता लाने और ग्रामीणों में उनके प्रति डर को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर  चीता मित्र भी बनाए गए हैं। वे स्थानीय लोगों को चीतों की प्रवृति से अवगत करा कर उन्हें चीतों की रक्षा कर संरक्षण के लिए जागरूक करते हैं। अब वन वीर भर्ती में चीता मित्रों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
यह भी है वजह
वन वीर भर्ती की व्यवस्था इसलिए की जा रही है, क्योंकि स्थानीय समुदाय के युवा जंगल को अच्छे से पहचानते हैं और जंगल एवं वन्य प्राणियों की भली भांति रक्षा भी कर सकते हैं। वनरक्षक के पदों पर सीधी भर्ती में कई बार शहरी युवा भी आ जाते हैं, जिन्हें जंगलों में रहने की आदत नहीं होती है। वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण के लिए स्थानीय युवा मददगार साबित होते हैं तथा इससे उन्हें रोजगार के भी नए अवसर मिलेंगे।
प्रतिवर्ष की जाएगी पांच सौ की भर्ती
वन विभाग सूत्रों के मुताबिक वन वीर योजना के तहत हर साल प्रदेश में पांच सौ से अधिक भर्तियां करने की योजना है। इन्हें 15 से 20 हजार रुपये मासिक मानदेय प्रदान किया जाएगा। सरकार इनकी भर्ती लोकसभा चुनाव से पहले करने की योजना पर काम कर रही है। वन वीर भर्ती के लिए शारीरिक मापदंड और व्यवहारिकता को प्राथमिकता दी जाएगी और इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में 10वीं या 12वीं उत्तीर्ण को प्राथमिकता दी जा सकती है।

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