- दूसरे के पानी पर अपना ब्रांड नेम लगाएगा, प्रबंधन पर खड़े हो रहे गंभीर सवाल
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। दूध एवं दुग्ध उत्पादों के मामले में अपनी अलग पहचान बनाने वाले सांची दुग्ध संघ ने अब पानी के व्यवसाय में उतरने की तैयारियां शुरु कर दी हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह से उसका रिटेल नेटवर्क है , उससे सांची ब्रांड का पानी जल्द ही बाजार में अपनी धाक जमा लेगा।
अहम बात यह है कि उसके कई आउटटेल रेलवे स्टेशनों पर भी हैं। इसकी वजह से उसके नए उत्पाद की पहुंच रेल यात्रियों तक भी आसानी से हो जाएगी। दुग्ध संघ के सूत्रों की मानें तो यह पानी दूसरी कंपनियों से खरीदा जाएगा और उस पर सांची अपना ब्रांड नेम लगाकर उसे बाजार में उतारने जा रहा है। इसके लिए दुग्ध संघ प्रबंधन ने इंदौर की निजी कंपनी के साथ करार भी कर लिया है। इस करार की वजह से अभी से इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसकी वजह है भोपाल में बिकने वाले पानी को इंदौर की एक निजी प्लांट से खरीदा जाना है। अहम बात यह है कि इसकी वजह से दुग्ध उत्पादों की तरह सांची अपना कोई पानी का प्लांट नहीं लगाएगा। इसकी वजह से उस पर आर्थिक भार भी नहीं आएगा और बगैर पूंजी के उसकी आय बढ़ सकेगी। निजी कंपनी से पानी लेने के बाद भोपाल दुग्ध संघ उस पर सांची ब्रॉड का लेबल चिपकाकर बाजार में सांची नीर के नाम से बेचेंगा। विभाग अपनी इस योजना को नवाचार मानकर चल रहा है। गौरतलब है कि मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ) के तहत प्रदेश में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर में दुग्ध संघ हैं। इनमें से भोपाल दुग्ध संघ द्वारा सबसे पहले पानी बेचने की शुरुआत की जा रही है। इससे अब यह तो तय हो गया है कि अब संाची पार्लरों पर सांची नीर की ही बिक्री की जाएगी। दरअसल अभी प्रदेशभर के सांची पार्लरों पर साची के उत्पादों के साथ ही अन्य ब्रांड के पानी के साथ ही कई अन्य तरह के उत्पादों की भी बिक्री की जाती है।
सागर के प्लांट को ठंडे बस्ते में डाला
विभागीय सूत्रों की मानें तो पहले प्रबंधन ने पानी का प्लांट सागर में लगाने की तैयारी की थी , जिसे बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। साथ ही सागर में खुद का पानी के प्लांट का तैयार करने का प्रस्ताव भी था। यानी सांची खुद पानी पैक्ड करता और खुद बेचता। लेकिन भोपाल दुग्ध संघ ने खुद प्लांट न लगाकर इंदौर की निजी कंपनी के पानी को सांची के नाम से बेचने की तैयारी की है। इसकी वजह बताई जा रही है कंपनी प्रबंधन द्वारा अपनी चहेती कंपनी को उपकृत करना। दरअसल मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने पिछली सरकार के समय दूध के अलावा पानी, चिप्स एवं अन्य उत्पाद बेचने का लाइसेंस भी ले लिया था।
मंत्री ने किया लांचिग से इंकार
भोपाल दुग्ध संघ के पदाधिकारियों ने पशुपालन मंत्री लखन पटेल के हाथों सांची नीर की लांचिंग कराने की पूरी तैयारी कर ली गई थी, लेकिन मंत्री ने ऐन वक्त पर इससे इंकार कर दिया था। इसके पीछे की जो वजह बताई जा रही है, उसके मुताबिक पशुपालन मंत्री को जब यह पता चला कि निजी कंपनी के पैक्ड पानी को सांची नीर के नाम से बेचा जाएगा। इसके बाद उन्होंने सांची नीर की लॉचिंग में आने से इंकार कर दिया है। दरअसल इस मामले में दुग्ध संघ द्वारा विभागीय मंत्री की पहले से भरोसे में ही नहीं लिया गया था।