- इसी सत्र की परीक्षा से हो सकता है लागू
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। हर साल परीक्षा के दौरान माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं बारहवीं परीक्षा के पेपर आउट होने की खबरें आती रहती हैं। अब ऐसे मामलों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए मोहन सरकार अध्यादेश लाकर दस साल तक की जेल का प्रावधान करने जा रही है। यही नहीं दोषी पर दस लाख रपए के जुर्माना का भी प्रावधान करने जा रही है। यह अध्यादेश ऐसे समय लाया जा रहा है जब प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं कराने की तैयारियां की जा रही हैं। गौरतलब है कि मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में पिछले साल सोशल मीडिया पर कई पेपर आउट होने की घटनाएं हुई थीं, जिससे वोर्ड की जमकर किरकिरी हुई थी। इसके बाद कई शिक्षकों पर पुलिस ने प्रकरण भी दर्ज किए थे। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ही माशिमं ने कार्यपालिका समिति की बैठक में कई निर्णय लिए हैं।
इसमें प्रमुख रूप से पेपर आउट करने वालोंं को इस साल की जेल, दस लाख रुपए जुर्माना व रासुका लगाने जैसी कार्यवाही करने का फैसला किया गया था, लेकिन विस चुनाव के कारण यह इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब प्रदेश में नई सरकार का गठन हो चुका है। इसके बाद अब माशिमं के परीक्षा अधिनियम में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी गई है। दरअसल इस सत्र की दसवीं-बारहवीं की परीक्षा पांच फरवरी से प्रस्तावित है। परीक्षा के पहले पेपर आउट करने वाले शिक्षकों या संबंधितों को दस साल की जेल व दस लाख रुपए जुर्माना लगाने के लिए जल्द ही कैबिनेट में अध्यादेश लाने की तैयारी की जा रही है। अध्यादेश आने के बाद व परीक्षा शुरू होने के पहले पेपर आउट करने वाले खिलाफ कड़े नियम लागू कर दिए जाएंगे।
सोशल मीडिया पर पैकेज
परीक्षा शुरू होने के पहले ही अभी से सोशल मीडिया (टेलीग्राम आदि) पर 70 से अधिक ग्रुप बने हुए हैं। इन ग्रुपों में बाकायदा नार्मल, गोल्ड व पैलेटिनम पैकेज का ऑफर दिया जा रहा है। इसमे तीन केटेगरी में अलग-अलग विषयों के प्रश्न-पत्रों की कीमत 200 से पांच सौ रुपए बताई जा रही है। अभी से पेपर के लिए कुछ छात्रों ने राशि जमा करना भी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया के इन ग्रुपों का दावा है कि पांच फरवरी से होने वाली माशिमं की दसवीं बारहवीं परीक्षा के वास्तविक प्रश्र उपलब्ध कराए जाएंगे। इस मामले में मंडल द्वारा राज्य सायबर सेल को भी एक पत्र लिखा गया है।