ढाका। बांग्लादेश में अगले साल 7 जनवरी को चुनाव कराए जाएंगे। देश की राजनीति में कथित तौर पर विदेशी हस्तक्षेप के आरोप भी लग रहे हैं। बीते दिनों प्रदर्शनकारियों को बड़ी संख्या में सड़कों पर भी उतरते देखा गया। ताजा घटनाक्रम में देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने समर्थकों पर पूरा भरोसा व्यक्त किया। पीएम ने कहा कि बांग्लादेश के लोग सात जनवरी के चुनाव में उन्हें सत्ता से बेदखल करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश के प्रयासों का करारा जवाब देंगे।
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शनिवार को कहा, वह चाहती हैं कि 12वां संसदीय चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हो। सत्तारूढ़- अवामी पार्टी की अध्यक्ष हसीना ने कहा, हम अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न- नाव के साथ 7 जनवरी के चुनाव में पूरी ताकत से ताल ठोकेंगे। उन्होंने कहा, मतदान केंद्रों पर जाकर नाव के समर्थन में वोट करें। दुनिया को दिखाएं कि बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और तटस्थ तरीके से चुनाव कराए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री हसीना ने ढाका से लगभग 170 किमी दक्षिण-पश्चिम में तुंगीपारा में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा, चुनावों को विफल करने के लिए साजिशें रची जा रही हैं। कई लोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शामिल हैं। विदेशी ताकतें बांग्लादेश में तीसरी पार्टी को सत्ता में लाने का प्रयास कर रही हैं। 7 जनवरी के चुनाव बाद साजिशों का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। रैली के बारे में समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक हसीना तुंगीपारा के रैली मैदान में अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ गई थीं। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज लहराया। उनके समर्थक सैकड़ों की संख्या में रैली में पहुंचे थे।
देश की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी- बांग्लादेश संगबाद संस्था (बीएसएस) की रिपोर्ट के मुताबिक हसीना ने सवाल किया, तीसरा पक्ष हमारे देश के चुनाव में क्या कर सकता है? वे देश में कोई विकास नहीं कर सकते। जनता जानती है कि उन्होंने 2007 में क्या किया था? देश में बढ़ती हिंसा के बीच पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है। 2018 के चुनाव में हिस्सा ले चुकी बीएनपी ने करीब 10 साल पहले 2014 के चुनाव का भी बहिष्कार किया था।
रैली में आक्रामक तेवर दिखाते हुए हसीना ने विपक्षी राजनीतिक दल- बीएनपी को ‘आतंकवादी पार्टी’ और जमात-ए-इस्लामी (जमात) को ‘युद्ध अपराधियों का संगठन” करार दिया। प्रधानमंत्री हसीना ने कहा, इनके पास बांग्लादेश को आगे ले जाने का विजन और क्षमता नहीं है। बीएनपी-जमात के कथित आपराधिक कृत्यों की कड़ी आलोचना करते हुए हसीना ने इसकी तुलना गाजा के अस्पतालों में बच्चों और महिलाओं की हत्याओं से कर डाली। उन्होंने सत्ता में वापस लौटने पर ‘आपराधिक तत्वों’ के समाप्त होने का दावा किया। गौरतलब है कि BNP के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान व्यवसायी से राजनेता बने हैं। फिलहाल वे ब्रिटेन में निर्वासित जीवन जी रहे हैं।
हसीना ने कहा कि, हम 2024 का चुनाव जीतकर सत्ता में आ सकते हैं। ऐसा होने पर तारिक को लंदन में रहकर बांग्लादेश के खिलाफ काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर बांग्लादेश प्रत्यर्पित कर कठोर सजा दी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएनपी-जमात गुट ने बार-बार देश के विकास को बाधित करने की कोशिश की है। केवल अवामी लीग ही देश को समृद्धि के रास्ते पर ले जा सकती है। पिछले 15 साल में उनकी सरकार के प्रयासों के कारण ही बांग्लादेश को एक विकासशील देश का दर्जा मिला है। अब 2041 तक देश को विकसित, समृद्ध और स्मार्ट बांग्लादेश में बनाने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं।
गौरतलब है कि 76 वर्षीय हसीना बांग्लादेश में सबसे लंबे कार्यकाल वाली प्रधानमंत्री हैं। इनका पहला कार्यकाल 1996 से 2001 तक रहा था। इसके बाद आवामी लीग 2009 से 2014 तक सरकार में रही। 2023 में हिंसा और जनाक्रोश की रिपोर्ट्स के कारण, 2014 के बाद लगातार तीन कार्यकाल पूरा करने वाली पीएम शेख हसीना का कार्यकाल कठघरे में भी रहा है। इस साल की शुरुआत में अमेरिका समेत कई प्रमुख पश्चिमी देशों ने समावेशी और विश्वसनीय चुनाव का आह्वान किया था। हालांकि, सत्तारूढ़ अवामी लीग और खालिदा जिया की विपक्षी पार्टी के बीच संवाद की अपील बेअसर साबित हुई। दोनों ही पक्षों ने इसमें कोई रूचि नहीं ली।