आकृति बिल्डर को नहीं मिली राहत, कसेगा शिकंजा

आकृति बिल्डर
  • आपराधिक प्रकरण होगा दर्ज

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश, की राजधानी के रियल एस्टेट में हुए अब तक के सबसे बड़े धोखाधड़ी और बहुचर्चित मामले में आकृति बिल्डर को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) दिल्ली से भी कोई राहत नहीं मिली हैं। इस मामले में ट्रिब्यूनल में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब इस मामले में ट्रिब्यूनल ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके बाद माना जा रहा है कि जल्द ही फैसला आ सकता है।
    आकृति बिल्डर पर आरोप है कि वह जानबूझकर दिवालिया हुआ, जिससे हजारों होम बायर्स के करोड़ों रुपए फंस गए। इस मामले की 22 नवंबर को अंतिम सुनवाई के अवसर पर आकृति बिल्डर के हेमंत सोनी की ओर से ट्रिब्यूनल में वकील प्रस्तुत हुए जिन्होंने ट्रिब्यूनल के समक्ष रेरा को हेमंत सोनी के खिलाफ कोई भी आपराधिक कार्रवाई रोकने की अपील की , जिसे ट्रिब्यूनल ने बिना सुने ही खारिज कर दिया। ट्रिब्यूनल ने कहा कि हम आपके खिलाफ रेरा की कार्रवाई में कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेंगे। इस दौरान दोनों तरफ से करीब एक घंटे तक अंतिम दलीलें दी गईं। गौरतलब है कि इस समय भोपाल में आकृति बिल्डर के प्रोजेक्टस सबसे विवादित प्रोजेक्ट्स में से एक है। रेरा ने आकृति बिल्डर के खिलाफ समय-समय पर कई कार्रवाइयां की है। हाल ही में करीब 1 महीने पहले एक अन्य होम बायर्स से जुड़े मामले पर रेरा के आर्डर का पालन नहीं करने पर रेरा ने आकृति बिल्डर के हेमंत सोनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और पेनाल्टी लगाने का आदेश भी दिया है।
    साजिश के तहत दिवालिया होने का है आरोप
    नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल इंदौर ने 5 अगस्त 2022 को आकृति बिल्डर को दिवालिया घोषित कर दिया। इसके बाद दिवालिया घोषित होने की पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे पर आ गई। एनसीएलटी इंदौर के इस आदेश को रेरा और आकृति एकता सिटी होम बायर्स संगठन ने अपीलेट ट्रिब्यूनल दिल्ली में चैलेंज किया। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आकृति बिल्डर जानबूझकर और सोची समझी साजिश के तहत दिवालिया घोषित हुआ है, ताकि प्रोजेक्ट पूरा करने में जो अब पैसा लगने वाला है वह ना देना पड़े। अपील के साथ याचिका कर्ताओं ने तथ्य भी पेश किए। इन तथ्यों के आधार पर ही  एनसीएलएटी दिल्ली ने 30 सितंबर 2022 को आकृति बिल्डर के दिवालिया घोषित होने वाले फैसले पर रोक लगा दी थी। यह रोक अब भी जारी है।
    3 हजार होम बायर्स के 1100 करोड़ दांव पर
    भोपाल में आकृति बिल्डर के तीन बड़े और आधा दर्जन से अधिक छोटे प्रोजेक्ट्स हैं, जहां लोगों ने इन्वेस्ट किया है। एक समय में नामचीन बिल्डर्स में नाम शुमार होने के कारण लोगों ने इन प्रोजेक्ट्स में अपने जीवन भर की जमा पूंजी लगा दी। पर यह प्रोजेक्ट पूरे कभी हुए ही नहीं। बिल्डर ने होम बाटयर्स से मिले पैसों को कहीं और इन्वेस्ट कर दिया और प्रोजेक्ट अधूरे रह गए। ऐसे करीब 3000 होम बायर्स के 1100 करोड रुपए फंसे हुए हैं।
    देश का पहला मामला  
    रेरा के गठन से लेकर अब तक पूरे देश में यह इकलौता मामला है, जब रेरा ने खुद किसी बिल्डर की इंसॉल्वेंसी को हायर अथॉरिटी में चैलेंज किया हो। यही कारण है कि इस पूरे मामले में न सिर्फ राजधानी भोपाल बल्कि नेशनल लेवल पर भी इसका असर रहेगा। आकृति बिल्डर हेमंत सोनी जब इंसॉल्वेंट हुआ तो अपीलेट अथॉरिटी में सबसे पहले रेरा नहीं जाकर इस आदेश को चैलेंज किया। इसके बाद आकृति एका सिटी होम बायर्स एसोसिएशन ने भी अपील दायर कर दी। करीब 14 महीने से इसकी सुनवाई एनसीएलएटी दिल्ली में चल रही थी।

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