भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में चुनावी परिणाम आने में 11 दिन का ही समय रह गया है। ऐसे में प्रत्याशियों को मतदान के पहले खराब रहे ट्रांसफार्मर के कारण किसानों की नाराजगी का भय सता रहा है। यह बात अलग है कि प्रचार के दौरान प्रत्याशियों ने घर-घर दस्तक देकर अपने लिए वोटों की जुगाड़ करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। इस वजह से ग्रामीण इलाकों वाले प्रत्याशियों के लिए यह नई मुसीबत बनी रही है। इसकी वजह है सिंचाई के इस मौसम में खराब पड़े ट्रांसफार्मर। ग्रामीण इलाकों में प्रचार के लिए रवाना होते समय तमाम प्रत्याशियों की धडक़ने बढ़ी रही हैं। खराब ट्रांसफार्मर नहीं बदलने से ग्रामीणों को न तो बिजली मिल पा रही है और न ही सिंचाई ही हो पा रही है। ऐसे में किसान व ग्रामीण मिलकर प्रत्याशियों की प्रचार के दौरान तो जमकर खबर लेते ही रहे साथ ही रहे हैं। ऐसे में उन्हें मतदान के समय विरोध में मत देने का डर सता रहा है। इनमें भी सबसे अधिक मुसीबत सत्तारूढ़ दल भाजपा प्रत्याशियों की है। दरअसल बिजली महकमे के अफसर खराब ट्रांसफार्मर बदलने में बेहद लापरवाह बने रहते हैं , जिसकी वजह से किसानों को और ग्रामीणों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। दरअसल ग्रामीण और किसान खराब ट्रांसफार्मर बदलवाने के लिए दबाव बना रहे है, लेकिन बिजली कम्पनी बिना बकाया जमा किए ट्रांसफार्मर बदलने को किसी भी हाल में तैयार नहीं है। इसकी वजह से ही अब प्रत्याशियों को वोट कटने का डर सता रहा है। दीपावली का त्योहार और खेतों में बोवनी का समय होने के कारण हर व्यक्ति को बिजली की बेहद आवश्यकता रही है। ऐसे में प्रदेश अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में बिजली की समस्या अंदर ही अंदर चुनावी मुद्दा बन गया था। ऐसे में भाजपा प्रत्याशियों को डर सताने लगा है कि उनकी पार्टी के सत्ता में होने से कहीं मतदाताओं ने उन्हें ही पूरी तरह से जिम्मेदार तो नहीं मान लिया गया हैं। अगर ऐसा हुआ होगा तो फिर उनके द्वारा विरोध में मतदान किया गया होगा। इसकी वजह से कुछ क्षेत्रों में तो प्रत्याशियों ने अपने खर्च पर ही गांवों में ट्रांसफार्मर रखवाना पड़ा है। सूत्रों के अनुसार हालत यह रही कि सागर जिले में आठ सौ, विदिशा जिले में 500 और सीहोर, बैतूल, गुना, नर्मदापुरम में भी बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मर जले रहे। विदिशा जिले के अकेले सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में ही 80 ट्रांसफार्मर जले रहे। कमोबेश यही स्थिति विदिशा, गंजबासौदा, शमशाबाद ओर कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में भी रही है। बिजली कंपनी के विदिशा के अधीक्षण यंत्री अंकुर सेठ का कहना है कि गांवों में कुल बकाया की दस प्रतिशत राशि जमा करने पर ही ट्रांसफार्मर बदलने के निर्देश हैं। जहां से राशि मिलती है, वहां तीन दिन में नया ट्रांसफार्मर बदल दिया जाता है। अफसरों की इस तरह की बातों से किसान इत्तेफाक नहीं रखते हैं। किसानों का कहना है कि गांवों में घरेलू और सिंचाई दोनों ही तरह की बिजली की समस्या है।
लंबे समय से अंधेरे में हैं ग्रामीण
गंजबासौदा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कोलूआ जागीर के क्षमाघर शाक्य बताते है कि उनके गांव के गांधी मोहल्ला में पिछले तीन माह से लोग ट्रांसफार्मर खराब होने की वजह से रात के समय अंधेरे में रह रहे है। एक दूसरा ट्रांसफार्मर खराब होने से एक महीने से पेयजल व्यवस्था ठप पड़ी है। चिखली गांव के रामबाबू सोलंकी के मुताबिक उनका आधा गांव महीनों से अंधेरे में रह रहा है। इधर, सागर जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में करीब आठ सौ ट्रांसफार्मर जले पड़े हुए है। इससे ग्रामीण परेशान है। बंडा ब्लाक के कंदवा गांव में एक महीने से पांच ट्रांसफार्मर जले हैं। इन्हें अब तक सुधारा नहीं गया। वहीं केसली के सरियापानी व पटना गांव में 15 दिनों से ट्रांसफार्मर बंद हैं। शाहपुर गांव के किसान लक्ष्मण सिंह भटावारे का कहना है कि शिकायत के बाद भी ट्रांसफार्मर बदला नहीं गया। भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष आरए तोमर का कहना है कि जिले में 800 ट्रांसफार्मर खराब पड़े होने की शिकायत बिजली कंपनी के अधीक्षक यंत्री से भी की है लेकिन अब तक नए ट्रांसफार्मर नहीं रखे गए। यदि यही हाल रहा तो लोगों की दिवाली भी अंधेरे में ही मनेगी।
22/11/2023
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