कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर एक भावना हैं, नोबेल पुरस्कार विजेता की स्मृति को मिटाया या नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बोस ने यह टिप्पणी तब की जब पत्रकारों ने टैगोर द्वारा स्थापित विश्व-भारती में यूनेस्को की विश्व धरोहर टैग को चिह्नित करने के लिए स्थापित पट्टिकाओं पर विवाद के बारे में पूछा। बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित पट्टिकाओं पर टैगोर का नाम नहीं है, लेकिन कुलाधिपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती का नाम है।
बोस, जो कुलाधिसचिव भी हैं, उन्होंने विश्वविद्यालय, राजभवन में एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, ‘टैगोर एक भावना हैं, भारतीयों के दिल में महसूस की जाने वाली भावना। ऐसा कोई पल नहीं हो सकता है, जहां गुरुदेव की स्मृति को मिटा दिया गया हो या नजरअंदाज कर दिया गया हो। गुरुदेव को सभी भारतीयों के मन में सर्वोच्च सम्मान प्राप्त है।’
शांतिनिकेतन, जहां टैगोर ने एक सदी पहले विश्वभारती का निर्माण किया था, उसको सितंबर में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था। टैगोर का नाम हटाए जाने से राज्य सरकार और विश्वविद्यालय अधिकारियों के बीच विवाद पैदा हो गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पट्टिकाओं को तत्काल बदलने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही है और पट्टिकाओं को हटाने की मांग कर रही है, क्योंकि उन पर टैगोर का नाम नहीं है।