भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। टिकट न मिलने से नाराज चल रहे नेता तमाम प्रयासों के बाद भी मानने को तैयार नही है, ऐसे में अब भाजपा ने उनके खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करने का मन बना लिया है। ऐसे नेताओं को अंतिम मौका देने के बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर ली गई है। पार्टी के रणनीतिकार पहले ही तय कर चुके हैं कि किसी भी घोषित प्रत्याशी का नाम नहीं बदला जाएगा। दरअसल पार्टी को अंदेशा है कि, अगर एक भी नाम बदला जाता है, तो फिर स्थिति और खराब हो सकती है। इससे असंतोष को हवा मिलेगी। प्रदेश भाजपा संगठन ने तय किया है कि वह बागियों के सामने झुकने की जगह अब असंतुष्ट नेताओं को चेतावनी दी जाएगी और इसके बाद भी अगर वे नहीं मानते हैं तो फिर उन्हें पार्टी के पदों के साथ ही सदस्यता तक से बेदखल कर दिया जाएगा। यही वजह है कि अब संगठन द्वारा बागियों को साफ कहा जा रहा है कि वे पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में काम करना शुरु कर दें और ऐसा कोई काम न करें ,जिससे पार्टी का नुकसान हो। संगठन ने चेतावनी दी है कि जो नेता पार्टी के विरोध में बयानबाजी कर रहे हैं, यदि उन्होंने जल्द अपना रवैया नहीं बदला तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। भाजपा ने इस बार टिकट देने में जल्दबाजी की है, इसके बाद भी अब तक पार्टी के दो प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की सकी है। घोषित किए गए 228 प्रत्याशियों में करीब 28 विधायकों के टिकट बदले गए हैं। प्रत्याशियों के चयन को लेकर इस बार बहुत सवाल खड़े हो रहे हैं। यही वजह है कि इस बार सर्वाधिक टिकट बदलने की मांग की जा रही है।
मनाने का जिम्मा इनके पास
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद अधिकृत प्रत्याशियों का विरोध कर रहे नेताओं से बात करेंगे पर सीएम उस स्थिति में बात करेंगे, जब क्षेत्रीय नेता बागियों को मनाने में सफल नहीं होंगे। इसी तरह से दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे नरेन्द्र सिंह तोमर ग्वालियर-चंबल समेत अन्य अंचलों के कार्यकर्ताओं से बात कर उन्हें समझाने का काम करेंगे। वरिष्ठ अनुभवी नेता कैलाश विजयवर्गीय 66 सीटों पर दौरे कर लगातार असंतुष्टों को समझाने का काम कर रहे हैं। श्रीमंत की ग्वालियर-चंबल के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी उनकी पकड़ है। पार्टी ने उन्हें भी असंतुष्ट नेताओं को साधने के काम में लगाया है।
27/10/2023
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