भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बजट से लेकर संसाधनों में अग्रणीय रहने वाले प्रदेश के चारों महानगरों में जनता नगरीय निकायों के कामकाज से सर्वाधिक परेशान रहती है। यही वजह है कि इन शहरों के लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं होने पर शहरवासियों द्वारा तमाम जगहों पर शिकायतें की जाती है, जिसके बाद भी कोई निदान नहीं होता है, मजबूरन लोगों को सीएम हेल्पलाइन की मदद अपनी समस्यों के हल के लिए लेनी होती है।
इसके बाद भी नगर निगमों का अमला लापरवाह बना रहता है। इसका खुलासा स्वयं नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा हर माह जारी की जाने वाली रैंकिंग से हो जाती है। हाल ही में सितंबर माह की सीएम हेल्पलाइन की रैंकिंग जारी की गई है। इसमें प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों की स्थिति का खुलासा किया गया है। इसमें छिंदवाड़ा को पहला नंबर और बुरहानपुर को दूसरा नंबर मिला है। दूसरे नंबर पर रहा। जबकि उज्जैन ने तीसरे स्थान पर रहा है। अगर महानगरों की बात की जाए तो सिर्फ जबलपुर टॉप फाइव में आया है। राजधानी भोपाल के नगर निगम को छठंवा स्थान मिला है। इसी तरह से महानगरों में शामिल ग्वालियर को दसवाँ स्थान मिला है। हालांकि इन दोनों को ए ग्रेड भी दिया गया है। 16 नगर निगम में से 13 को ए ग्रेड और तीन को बी ग्रेड मिला है। अगर ग्वालियर नगर निगम की बात की जाए तो निगम के खाते में एक से 30 सितंबर तक 2447 शिकायतें आई थीं। उनसे में संतुष्टि के साथ नगर निगम के अफसरों ने 43.91 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण किया है। इसके चलते ग्वालियर को 16 नगर निगम में 10 वां स्थान मिला है। इंदौर 13वें नंबर पर रहा है। ग्वालियर से सटा मुरैना नगर निगम 16 नगरीय निकाय में नीचे से सबसे पहले स्थान पर है।
कहां पर कितनी शिकायतें
प्रदेश के 16 नगर निगम में ग्वालियर के अलावा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम, सिंगरोली, खंडवा, सागर, कटनी, देवास, रीवा, सतना और मुरैना शामिल है। सबसे ज्यादा शिकायतें भोपाल में आयी है। कहा जाता है कि शहर जितना बड़ा होता है, वहां पर उतनी ही शिकायतें बढ़ती चली जाती है। 16 नगर निगम में सबसे ज्यादा सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें भोपाल में 3872, इंदौर में 3637, जबलपुर में 2510, ग्वालियर में 2447 हैं। जबकि सबसे कम शिकायतें बुरहानपुर में 201 ही आईं।
22/10/2023
0
151
Less than a minute
You can share this post!