भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र ऐसा राज्य बन चुका है, जहां शायद ही अफसरान कोई भी काम समय पर करते हों। इसकी वजह से आमजन की परेशानी समय पर समाप्त ही नहीं होती है। अहम बात यह है कि ऐसे मामलों में सरकार भी बेहद लापरवाह बनी रहती है। इसी तरह का अब नया मामला मच्छरदानियों का है। बीते साल वितरित होने वाली मच्छरदानियों का प्रदेश में अब तक वितरण नहीं हो सका है। यही नहीं इनके मिलने के लिए लोगों को अभी कम से कम दो माह का इंतजार और करना होगा। इसकी वजह है बीते साल वितरित की जाने वाली मच्छरदानियों की खरीद ही बीते माह हो सकी है। इनकी खरीदी तब की गई है ,जबकि बीते सीजन में लोग मच्छरों के अलावा डेंगू से बेहद परेशान होते रहे हैं। दरअसल इनका वितरण प्रदेश में मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को मच्छरों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है।
बीते साल वितरित की जाने 94 लाख मच्छरदानी अब जाकर आयी हैं। वह भी जब आयी हैं, जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग चुकी है। इसकी वजह से अब इनका वितरण भी करीब दो माह बाद नई सरकार बनने के बाद ही होना तय माना जा रहा है। अभी तो यह मच्छरदानी भोपाल में रखी हुई हैं। चुनाव के बाद इन्हें वितरण के लिए संभागीय मुख्यालय पर भेजा जाएगा , जहां से जिलों को वितरण के लिए आवंटित किया जाएगा। दरअसल प्रदेश में मच्छरदानी का आना 26 सितंबर से शुरू हुआ था , जो पूरी तरह से चुनावी आचार संहिता लगने के तीन बाद 11 अक्टूबर तक आती रही हैं। इस मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। विभाग यह आदेश करना ही भूल गया कि किस जिले को कितनी मच्छरदानी सप्लाई करनी हैं और इनका वितरण कब से होना है। अब जब आचार संहिता लगी, तो विभाग के आला अफसरों को इन मच्छरदानियों को वितरित करने की याद आयी , लिहाजा मामला अटक गया है। माना जा रहा है कि गौरतलब है कि मच्छरदानी मई, जून में वितरित हो जानी चाहिए थी, वह अब नए साल में सर्दी के मौसम में वितरित हो पाएंगी। तब तक मच्छर जनित बीमारियां ही समाप्त हो जाती हैं। ऐसे में इन मच्छरदानियों के वितरण को कोई मतलब नहीं रह जाता है। गौरतलब है कि इसके पहले 2018 में मच्छरदानी सभी ब्लॉकों के ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित की गई थीं।