नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में वामपंथी उग्रवादी और उनकी विचारधारा को देश के विकास और उज्ज्वल भविष्य के खिलाफ बताया है। इस कार्यक्रम में गृहमंत्री शाह ने 200 जनजातीय युवाओं के साथ वार्ता की। इस दौरान शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की याद में 200 करोड़ रुपये की लागत से देश भर में 10 जनजातीय संग्रहालय बनाने का फैसला किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा से रोजगार नहीं मिल सकता। विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए समाज की मुख्यधारा से जुड़ना जरूरी है। वामपंथी चरमपंथी और उनकी विचारधारा देश के विकास और उज्ज्वल भविष्य के खिलाफ हैं। गृह मंत्री ने वाम विचारधारा से प्रेरित लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टावर, सड़कें और अन्य आवश्यक सुविधाएं नहीं चाहते हैं, वे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की राह में बाधाएं पैदा कर रहे हैं। आदिवासी युवाओं को देश से वामपंथी उग्रवाद के विचार को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
शाह ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं। गृह मंत्री ने कहा कि आदिवासी युवाओं को घर जाकर सबको बताना चाहिए कि आज देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और हर क्षेत्र में उनके लिए पर्याप्त अवसर हैं। शाह ने कहा कि धन, ज्ञान और सम्मान केवल कड़ी मेहनत से ही हासिल किया जा सकता है।
बता दें कि गृह मंत्रालय बीते15 वर्षों से जनजातीय युवा विनिमय कार्यक्रम (TYEP) चला रहा है। यह कार्यक्रम युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के माध्यम से चलाया जा रहा है। इसके तहत वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित अंदरूनी इलाकों के आदिवासी समुदाय के युवक-युवतियों को देश भर के प्रमुख शहरों और महानगरों के दौरे पर ले जाया जाता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं की आकांक्षाओं को बढ़ावा देना और सीपीआई (माओवादी) द्वारा सरकार के खिलाफ फैलाए जा रहे दुष्प्रचार का मुकाबला करना है।