ईएसबी में उलझा 20 लाख युवाओं का भविष्य!

ईएसबी

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉममप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक वर्ष में एक लाख सरकारी नौकरी देने के विशेष अभियान के तहत मप्र कर्मचारी चयन मंडल यानी कि एमपी ईएसबी द्वारा कई परीक्षाएं कराई गईं। लेकिन कुछ परीक्षाएं विवाद में फंस गई तो कईयों के परिणाम ही घोषित नहीं हो पाए हैं। अब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई है। ऐसे में करीब 20 लाख युवाओं का भविष्य ईएसबी में उलझ कर रह गया है। आयोजित की गई थी। इन परीक्षार्थियों का भविष्य कब उदय होगा यानी परीक्षा परिणाम कब आएंगे, इसको लेकर असमंजस है। जानकारी के अनुसार मप्र कर्मचारी चयन मंडल ने इस साल अब तक पांच भर्ती परीक्षाएं कराईं। इनमें से एक भी परीक्षा का परिणाम मंडल जारी नहीं कर पाया। इससे लाखों परीक्षार्थी परीक्षा देने के बाद परिणाम आने का इंतजार कर रहे हैं। इन भर्ती परीक्षाओं में शामिल 20 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों को परीक्षा के परिणामों का अब इंतजार ही करना होगा। इनकी भर्ती अब नए साल में नई सरकार के कार्यकाल में ही हो पाएगी। अब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई है। ऐसे में तय है कि इन भर्ती परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम अब अगले साल ही आएंगे। महीनों से परीक्षा परिणामों का इंतजार कर रहे परीक्षार्थियों को परीक्षा परिणाम के लिए अभी दो से तीन महीने तक इंतजार करना पड़ेगा। अब कोई नई भर्ती परीक्षा भी चयन मंडल नहीं करा पाएगा।
ज्यादातर भर्ती परीक्षाओं में विवाद
गौरतलब है कि कर्मचारी चयन मंडल की ज्यादातर भर्ती परीक्षाओं में विवाद रहा है। इन विवादों से मंडल उबर नहीं पा रहा है। विवादों के भर्ती परीक्षाओं को निरस्त भी करना है। व्यापमं घोटाला सामने आने के बाद से व्यापमं की कार्यप्रणाली में सुधार को लेकर कई बदलाव भी किए जा चुके हैं। इसके बाद भी व्यापमं जिसका नाम अब कर्मचारी चयन मंडल कर दिया है, इसकी कार्य प्रणाली में अब भी सुधार नहीं हो पा रहा है। व्यापमं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है। इसके बाद भी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। परीक्षा सेंटरों पर गड़बड़ियां तक हो रही हैं। वहीं कई परीक्षाओं के परिणाम अटके हुए हैं। मंडल ने स्टॉफ नर्स, सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी और पैरामेडिकल के पदों के लिए भर्ती निकाली है।

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