- भाजपा की दूसरी सूची का असर पडऩा तय
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले प्रत्याशी घोषित करने के मामले में भाजपा ने बाजी मारते हुए कांग्रेस को इस मामले में पूरी तरह से बैकफुट पर ला दिया है। हाल ही में जिस तरह से दूसरी सूची में भाजपा ने अपने बड़े चेहरों तक को चुनावी रण में उतारा है, उससे कांग्रेस को फिर से अपनी सूची में बदलाव करने की कवायद करनी पड़ रही है। इसकी वजह से यह तो तय है कि कांग्रेस में टिकट के दावेदारों को अभी और इंतजार करना होगा।
वैसे भी यह तो पहले से ही माना जा रहा था कि पार्टी द्वारा प्रदेश में निकाली जा रहीं जन आक्रोश यात्रा के बाद ही पहली सूची जारी की जाएगी। इसमें शामिल किए जाने वाले नामों को लेकर पार्टी में प्रदेश से लेकर केन्द्र स्तर तक कवायद जारी है। हाल ही में कई बार बैठकों के बाद करीब डेढ़ सौ सीटों के लिए पैनल तैयार करने का काम कर लिया गया है। इनमें से कुछ सीटों पर दो तो कुछ पर तीन नाम शामिल हैं। इसके अलावा कुछ सीटों पर सिंगल नाम भी तय कर लिए गए हैं। सिंगल नाम वाली सीटों की संख्या करीब एक सैकड़ा बताई जा रही हैं। प्रदेश में निकाली जा रही जनआक्रोश यात्रा के समापन के तत्काल बाद चुनाव समिति की बैठक बुलाकर सिंगल नामों वाली सीटों की सूची केंद्रीय चुनाव समिति को भेज दी जाएगी। जिसे अनुमोदन मिलते ही जारी कर दिया जाएगा। इस सूची में पार्टी के करीब मौजूदा 75 विधायकों के नाम बताए जा रहे हैं। इसके अलावा इस सूची में उन सीटों के प्रत्याशी के भी नाम होंगे, जहां पर सिंगल नाम पर सहमति बन चुकी है। उधर दिल्ली में हाल ही में प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश के प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला तथा स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भंवर जितेंद्र सिंह के साथ लंबी चर्चा की है।
बताया जाता है कि तीनों नेताओं सभी सर्वे रिपोर्टो के साथ संगठन तथा विभिन्न नेताओं द्वारा दिए गए नामों पर विस्तार से मंथन कर चुके हैं। पार्टी इस बार बेहद सोच समझकर प्रत्याशी के नाम तय करने जा रही है। इसकी वजह है इस बार चुनाव में बेहद करीबी मुकाबला रहने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में पार्टी कोई भी खतरा मोल लेने को तैयार नही है।
इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि जिन दावेदारों को टिकट नहीं मिलेगा, उनकी बगाबत रोकने के लिए भरोसा दिया जाएगा की सरकार बनने पर उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का यह मानना है कि टिकट घोषित होने के बाद दावेदारों में नाराजगी होगी, इसे रोकना होगा। एक विधानसभा क्षेत्र में दो से तीन एक समान दावेदार हैं और सभी पूरी मेहनत व ईमानदारी से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में अन्य दावेदारों को शांत करना भी बड़ी चुनौती होगी।
तीन तरह के सर्वों ने उलझाया
निकाय चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से पहले प्रत्याशी घोषित कर भाजपा को दबाब में ला दिया था। यही नहीं इसका फायदा भी कांग्रेस को मिला था, जिसके बाद कहा जा रहा हथा कि विधानसभा चुनाव के लिए भी पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा काफी पहले कर देगी, जिससे प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए अधिक समय मिल जाएगा। इसके बाद भी अब तक एक भी प्रत्याशी के नाम घोषित न हो पाने की वजह है, पार्टी के वे तमाम सर्वे, जो अलग-अलग स्तर से कराए गए हैं। इन सर्वे की वजह से भी नाम तय करने में दिक्कत आ रही है। दावेदारों को इस बार ट्रिपल टेस्ट से गुजरना पड़ रहा है। इसमें से एक सर्वे ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की ओर से करवाया गया है, जबकि दूसरा सर्वे राहुल गांधी के लिए सुनील गोलू की टीम ने किया है। इसके साथ ही तीसरा सर्वे प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने स्तर पर करवाया है। इन तीनों ही सर्वे की रिपोर्ट पार्टी के पास आ गई है।