भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का छह माह का कार्यकाल और बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया है। इससे यह तय हो गया है कि प्रदेश में नई सरकार का गठन उनके ही मुख्य सचिव रहते होगा। यह बात अलग है कि अभी उनके नाम पर केन्द्र सरकार की मुहर लगना शेष है, जिसे महज औपचारिकता के रुप में ही देखा जा रहा है। यह प्रदेश में पहला अवसर है, जब किसी भी मुख्य सचिव का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाने का प्रस्ताव है। मुख्य सचिव का दो बार छह-छह माह का कार्यकाल पहले ही बढ़ाया जा चुका है। मुख्य सचिव का कार्यकाल अगले माह की 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है, इसके लिए प्रदेश में चुनावी आचार संहिता कभी भी लग सकती है, इसी वजह से राज्य सरकार ने आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले सेवा वृद्धि का प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया है। अन्यथा आचार संहिता के दौरान कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति चुनाव आयोग से लेना पड़ती। बैंस का वर्तमान कार्यकाल जब समाप्त होगा, उस समय भी प्रदेश में चुनाव चुनावी आचार संहिता लागू रहेगी। ऐसे में राज्य सरकार ने समय से पहले केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया है। यदि केंद्र सरकार मुख्य सचिव का तीसरा कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति नहीं देगा , तो 30 नवंबर को चुनाव आयोग प्रदेश के सबसे वरिष्ठ आईएएस को मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त कर सकता है।
गौरतलब है कि बैंस को पहली सेवावृद्धि छह माह के लिए दिसंबर 2022 में दी गई थी, जिसकी अवधि 31 मई को समाप्त होने के बाद एक बार फिर से सेवावृद्धि छह माह के लिए दी गई थी। यह सेवावृद्धि उन्हें 1 जून 2023 से 30 नवंबर 2023 तक के लिए दी गई थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह को भी सेवा वृद्धि दी गई थी। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से सरकार की योजनाओं को मुख्य सचिव क्रियान्वित करा रहे हैं, उससे उन्हें छह माह की सेवा वृद्धि दिए जाने की पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री के साथ उनका तालमेल अच्छा है। एमपी के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस 1985 बैच के आईएएस अफसर हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं। बैंस जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे, तो उन्हें सरकार बनने के बाद अगस्त 2014 में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह करके वापस बुलाया और अपना प्रमुख सचिव बनाया था। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को सख्त प्रशासक माना जाता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करके उन्होंने यह साबित भी किया है। देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी उनकी ही पहल पर हुआ था. कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में काम कर चुके हैं। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल कलेक्टर भी रहे हैं।