मप्र में भाजपा कर सकती है बड़ा धमाका

भाजपा

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। इस चुनावी साल में कांग्रेस ने भाजपा के 40 से अधिक बड़े नेताओं को अपने पाले में कर लिया है। इनमें एक वर्तमान विधायक भी हैं। वहीं,अब भाजपा भी बड़ा धमाका करने की तैयारी कर चुकी है। सौ सुनार की एक लुहार की तर्ज पर पार्टी कांग्रेस को बड़ा झटका देने जा रही है। इसके तहत कांग्रेस के कई विधायक भाजपा का दामन धामकर भगवा रंग में रंगने जा रहे हैं।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि 2020 में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही कांग्रेस के कई और विधायक भाजपा में आना चाहते हैं, लेकिन अभी तक पार्टी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई थी। लेकिन अब चुनावी साल में एक बार फिर भाजपा ने कांग्रेसियों के लिए अपने द्वार खोल दिए हैं। माना जा रहा है की जल्द ही कई कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। यात्राओं के दौर से गुजर रही मप्र की सियासत में दल बदल के जरिए एक दूसरे को मात देने की कोशिशें जारी है। भाजपा के दर्जनभर से ज्यादा नेता अब कांग्रेसी हो चुके हैं, जबकि भाजपा भी कांग्रेस के कई बड़े विकेट गिराने की तैयारी में है। भाजपा की अगली चाल से कांग्रेस सहमी हुई है। सूत्रों की मानें तो कुछ कांग्रेस के विधायक जल्द ही भाजपा का गमछा पहने नजर आ सकते हैं।
बगावत के डर से रोकी सूची
भाजपा की पहली सूची जारी होते ही कांग्रेस ने भी टिकट वितरण की तैयारी तेज कर दी थी। लेकिन संभावित बगावत को देखते हुए पार्टी ने अपनी सूची होल्ड कर रखी है। इधर सूत्रों का दावा है कि भाजपा की इस रणनीति की भनक कांग्रेस को भी है, इसलिए वह अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने में लेटलतीफी कर रही है। उसे अंदेशा है कि टिकट घोषित करने के बाद भाजपा मजबूत उम्मीदवारों को अपने पाले में लेकर कांग्रेस को जोर का झटका दे सकती है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी इस तरह का अंदेशा जा चुके हैं कि भाजपा ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल कांग्रेस के नेताओं को डराने धमकाने के लिए कर सकती है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह भी यह चुके हैं कि हमारी सूची तैयार है, लेकिन उसे आचार संहिता लगने के बाद ही जारी किया जाएगा, क्योंकि भाजपा हमारे उम्मीदवारों को डराने धमकाने का काम कर सकती है। कांग्रेस को यह डर है कि उनके राजनेता विधानसभा चुनाव में कहीं भीतरघात न कर दें। ऐसे में पार्टी ने उन्हें मनाने का जिम्मा अब सचिव टीम लीडर्स और सह प्रभारी को सौंपा है। दरअसल, कांग्रेस को लगता है कि जन आक्रोश यात्रा के दौरान उनके कई नेताओं की नाराजगी देखने को मिल सकती है, जिस पार्टी की तैयारी पर पानी फिर सकता है। ऐसे में पार्टी ने यह निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां जन आक्रोश  यात्रा जाए, उसके तीन दिन पहले एआईसीसी सचिव, टीम लीडर्स और सह प्रभारी उसे क्षेत्र के नाराज नेताओं से मुलाकात कर उनकी नाराजगी को पूरी तरह से दूर कर दें। ताकि यात्रा के दौरान कोई विवाद और विघ्न उत्पन्न न हो। ऐसे नेताओं की जानकारी और सूची तैयार करने के लिए जिला प्रभारी और जिला अध्यक्षों को पार्टी की ओर से निर्देशित किया गया है।
बड़े विकेट गिराने की तैयारी
मप्र में आने वाले दिनों में कांग्रेस को और भी बड़े झटके लग सकते हैं, क्योंकि कांग्रेस के कई विधायक भाजपा के संपर्क में है। दरअसल, चुनावी साल में कांग्रेस में सबसे अधिक टिकट की मारामारी है। 230 सीटों के लिए 5,000 से अधिक दावेदार हैं। ऐसे में कई विधायकों के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं कमलनाथ की एकला चलो नीति से पार्टी में दिन पर दिन असंतोष बढ़ रहा है। इसलिए कई विधायक भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं। वैसे चुनावी दौर में दल बदल की बातें अब आम हो गई हैं। राजनैतिक दल  एक-दूसरे को डैमेज करने की फिराक में रहते हैं। जानकार मानते हैं कि दल बदल से बेहतर कोई दूसरा रास्ता नहीं हो सकता, क्योंकि इससे दलों को डैमेज किया जा सकता है। इन दिनों मप्र भाजपा की रणनीति भी इसी के ईद-गिर्द घूम रही है। पिछले दिनों में कुछ विधायक व पूर्व विधायकों के पाला बदल देने से भाजपा के रणनीतिकार आहत हैं और कांग्रेस को उसी तरह का जवाब देने के रास्ते पर चल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा में जाने का मन बना लिया और वे टिकट की शर्त पर पाला बदलना चाहते हैं। लेकिन इनमें से एक विधायक के सामने संकट इस बात का है कि उन्हें जिसका टिकट काटकर उपकृत किया जाना है, वे प्रदेश भाजपा के सबसे पावरफुल नेताओं में से एक हैं और पिछले चुनाव में वे भाजपा के उम्मीदवार के रूप में कम मतों के अंतर से चुनाव हारे थे। इसी तरह ग्वालियर चंबल अंचल के कांग्रेसी विधायक भाजपा में जाने से पहले यह तय कर लेना चाहते हैं कि उन्हें टिकट दिया जाएगा या नहीं। कांग्रेस सरकार मंत्री रहे यह विधायक पिछले दिनों अचानक सीएम हाउस पहुंचे थे और सिंधिया के पाला बदलने के दौरान भी वे चर्चा में रहे हैं।
आधा दर्जन से ज्यादा विधायक संपर्क में
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के दो से तीन मौजूदा विधायक कभी भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इनमें वे विधायक हैं, जो पिछला चुनाव कम मत के अंतर से जीते थे। भाजपा की नजर ऐसे ही कमजोर विधायकों पर हैं, तो कमजोर विधायक भी मजबूत रास्ता खोज रहे हैं। इनके द्वारा फिलहाल सीटों का सौदा किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। इनमें से एक बुंदेलखंड और एक ग्वालियर-चंबल अंचल से निर्वाचित हुए हैं। इनके अलावा कुछ दूसरे विधायक भी हैं, जो पाला बदलने की मंशा रखते हैं, लेकिन उनका राजनैतिक निर्णय फिलहाल दुलमुल स्थिति में है। क्योंकि वे इस पशोपेश में हैं कि यदि, कांग्रेस की सरकार बन गई, तो उनका निर्णय गलत हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के आधा दर्जन से ज्यादा विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन पार्टी कांग्रेस के अगले कदम का इंतजार कर रही है। यदि कांग्रेस इनमें से कुछ विधायकों के टिकट काटती है, तो फिर भाजपा को उन्हें दल में मिलाने के लिए सौदेबाजी नहीं करनी पड़ेगी और यदि कांग्रेस इन विधायकों को टिकट देती हैं, तो फिर उन्हें भाजपा अपना उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस को मनोवैज्ञानिक शिकस्त देने की कोशिश करेंगी।

Related Articles