पूर्व प्रचारक संतोष जोशी चुनावी ताल ठोकने को तैयार
पूर्व संघ प्रचारकों द्वारा राजनीतिक पार्टी का गठन कर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद पूर्व संघ प्रचारक संतोष जोशी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वे 1990 से 2008 तक संघ के प्रचारक रहे हैं। जोशी 2008 -2013 तक सुसनेर से विधायक रहे हैं। वे गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। जोशी ने कहा जनहित पार्टी के गठन की औपचारिकता में अभी समय लगेगा। लेकिन आप मुझे उस का प्रत्याशी मान सकते हैं। मैं चुनाव जीतने पर उन्हीं का कहलाऊंगा। जोशी ने कहा कि 2008 में उन्होंने दावेदारी नहीं की थी, लेकिन पार्टी ने टिकट दिया। इसके बाद 2013 और 2018 में टिकट मांगा, लेकिन पार्टी ने दिया नहीं और सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। भाजपा में अब निष्ठावान कार्यकर्ताओं की पूछ नहीं हो रही है। इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया है।
विवि की नियुक्तियां याचिका के अधीन, नोटिस जारी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की नियुक्तियों को विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने के मामले में जस्टिस जीएस आहलूवालिया की एकलपीठ ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और रादुविवि के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। कटनी निवासी शैतान सिंह ने याचिका दायर कर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में चल रही शैक्षणिक पदों पर नियुक्तियों को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की ओर से बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक पदों के लिए जारी किए गए विज्ञापन को बीच प्रक्रिया में संशोधित कर दिया गया है।
भाजपा अपने प्रत्याशियों को 20-20 करोड़ दे रही
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस समय आने पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करेगी, क्योंकि उसका मुकाबला धनबल से होना है। भाजपा अपने प्रत्याशियों को चुनाव लडऩे के लिए 20-20 करोड़ दे रही है, हमारे कार्यकर्ताओं के पास इतना पैसा नहीं है। डॉ. सिंह ने पत्रकारों से चर्चा में आरोप लगाया कि चुनाव के ठीक पहले जनता को लालच देना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता। रेवड़ी कल्चर का विरोध करने वाले प्रधानमंत्री की पार्टी के मुख्यमंत्री रोजाना रेवड़ी बांट रहे हैं। भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पूरे प्रदेश को लूट लिया है और पैसा भाजपा नेताओं की जेब में पहुंच चुका है। समय आने पर आचार संहिता लगने के आसपास ही टिकट वितरण का काम होगा। हमारे टिकट लगभग तय हैं।
यादव से श्रीमंत खेमे की शिकायत
भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव के सामने ग्वालियर-चंबल अंचल के नेताओं ने खुलकर आक्रोश व्यक्त किया है। अधिकांश नेताओं के निशाने पर श्रीमंत के समर्थक थे। ग्वालियर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष कौशल शर्मा ने कहा, वे न तो कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने को तैयार हैं और न ही संगठन के साथ चलने को। ऐसे में हम लोग एकतरफा उनका साथ देने का प्रयास कितना करें। कार्यकर्ताओं की नाराजगी यह भी थी कि बाहर से आने वालों को पार्टी तमाम सुविधाएं देती है, लेकिन वे इसके बाद भी साथ छोड़ जाते हैं। इसी तरह से चुनाव संयोजक वेदप्रकाश शर्मा ने कहा कि पार्टी में प्रत्याशियों की सूची जारी करने के पहले मंडल स्तर तक रायशुमारी की परंपरा थी लेकिन, इस बार बिना कार्यकर्ताओं से चर्चा किए पहली सूची जारी कर दी गई।