आदिवासियों ने लगाया बहिष्कार का पोस्टर
अशोकनगर के आकलोन में सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर आदिवासी और भाजपा नेता के बीच चल रही लड़ाई को लेकर सोमवार को राजनीति गरमा गई। आदिवासियों ने गांव में भाजपा पार्टी का बहिष्कार करते हुए एक बैनर टांग दिया। ईसागढ़ पुलिस ने गांव पहुंचकर बैनर फाड़ा और बैनर में दर्ज नाम वाले आदिवासी दंपती को उठाकर थाने ले आई। हालांकि बाद में पति-पत्नी को छोड़ दिया गया। आदिवासियों ने इसकी शिकायत अशोकनगर आए पूर्व नगरीय मंत्री जयवर्धन सिंह से की। आकलोन निवासी सरोज पति कैलाश आदिवासी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के शिवचरण जाटव (भाजपा मंडल महामंत्री ढाकोनी) ने 2.668 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया था। शिकायत पर एसडीएम ने नेता पर एफआईआर के निर्देश दिए थे, पर जाटव कोर्ट चले गए। बीजेपी जिलाध्यक्ष आलोक तिवारी का कहना है कि मामला कोर्ट में है फिर भी कांग्रेस इसे बेवजह उठा रही है।
सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दिया सनातन विरोधियों को श्राप
सनातन धर्म को लेकर डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन, एक्टर प्रकाश राज और प्रियांक खडग़े आदि के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि सनातन को समाप्त करने की तो किसी की औकात नहीं है। अभिनेता प्रकाश राज को लेकर उन्होंने कहा कि जो देश और धर्म के विरुद्ध बोले वह नायक नहीं, खलनायक है। उन्होंने कहा कि किसी ने सनातन को कुष्ठ रोग बताया को किसी ने एचआईवी, डेंगू और मलेरिया, मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि जिस-जिस ने सनातन की जिस-जिस रोग से तुलना की है वह उस रोग का सुख भोगे। उन्होंने जोड़ा कि मैं सुख इसलिए बोल रही हूं क्योंकि, इन्हें वह रोग अच्छा लगता है इसीलिए वे सनातन की तुलना इन रोगों से कर रहे हैं।
पिछोर विधायक पर एफआईआर
महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में कांग्रेस विधायक केपी सिंह पर बीते रोज एफआइआर दर्ज कर ली गई है। एफआईआर भौंती की भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष मणि माला गुप्ता की शिकायत पर हुई है। केपी सिंह ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में महिलाओं के संबंध में आपत्तिजनक बातें कही थीं। शनिवार को इसका वीडियो चर्चा में आया तो उन्होंने एक माफी का वीडियो भी जारी किया था। उनके बयान को भाजपा ने क्षेत्र में मुद्दा बना लिया है।
थानेदारों की पदस्थापना पर नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने भिंड जिले में राजपूत और ब्राह्मण समाज के थानेदारों की पदस्थापना पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ऐसी स्थिति में मंत्रियों की मिलीभगत से निष्पक्ष चुनाव नहीं हो पाने की आशंका जताई है। डॉ. सिंह ने कहा कि इसकी शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की गई है। इसमें उन्होंने भाजपा पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा क्षेत्र लहार, मेहगांव और अटेर में मंत्रियों के हिसाब से थानेदारों की तैनाती की गई। लहार में ज्यादातर थानेदार ब्राह्मण समाज के तैनात हुए हैं। इसी तरह मेहगांव और अटेर में दोनों मंत्रियों अरविंद भदौरिया और ओपीएस भदौरिया ने ठाकुर समाज के थानेदारों की नियुक्ति करवाई है। इसकी वजह से निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। इसलिए निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए थाना प्रभारी की व्यवस्था में बदलाव किया जाए।