मुंबई। केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। हालांकि सरकार ने इस विशेष सत्र का एजेंडा अभी तक नहीं बताया है, जिससे कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। इन अटकलों के बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोले ने केंद्र पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस विशेष सत्र का एजेंडा मुंबई को अलग करना और केंद्र शासित प्रदेश घोषित करना है।
कोरोना महामारी और मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी कोविड महामारी या (2016) नोटबंदी या मणिपुर जैसे मुद्दों पर संसद का विशेष सत्र नहीं बुलाया। यह सत्र अब सरकार की इच्छा और मनोदशा के अनुसार बुलाया गया है। इस सत्र के पीछे सरकार की मंशा मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने और इसे शेष महाराष्ट्र से अलग करने की है।
नाना पटोले ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि मुंबई एक अंतरराष्ट्रीय शहर और देश की वित्तीय राजधानी के रूप में जानी जाती है। अब, एयर इंडिया, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र और हीरा बाजार जैसे मुंबई के पावरहाउस को शहर से बाहर स्थानांतरित किया जा रहा है। उन्होंने यह दावा भी किया कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को गुजरात में स्थानांतरित करने की योजना चल रही है। राज्य के कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार ऐसे राज्य विरोधी फैसलों में एक बड़ी बाधा थी। इस बाधा को दूर करने के लिए ही केंद्र द्वारा गिरा दिया गया।