भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को रायसेन जिले में स्थित विश्व धरोहर स्मारक स्थल सांची नगर को प्रथम सोलर सिटी के रूप में लोकार्पित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुधवार को अक्षय ऊर्जा के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता है। पीएम मोदी ने जो ऊर्जा संरक्षण का संकल्प लिया और इस क्षेत्र में कार्य करने का मंत्र दिया है, उसे सामाजिक दायित्व मानकर पूरा करने की दिशा में मध्यप्रदेश आगे बढ़ा है। मध्यप्रदेश ओंकारेश्वर में भी बांध की सतह पर सोलर पैनल लगाकर 600 मेगावाट क्षमता के संयंत्र स्थापित करने की पहल की गई है। सांची से कभी विश्व को शांति का संदेश पहुंचा था।
अब सांची सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पथ-प्रदर्शन करेगा। कार्यक्रम में नवकरणीय विभाग और आईआईटी कानपुर के मध्य सांची को नेट जीरो सिटी बनाने के करारनामे पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोयले और अन्य साधनों से बिजली के उत्पादन का पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ता है। पारम्परिक माध्यमों को छोडक़र प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना सौर ऊर्जा उत्पादन की शुरूआत के लिए सांची के नागरिक, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग और सभी वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सांची में करीब 7 हजार नागरिकों ने अपने घरों में सोलर स्टेंड लैंप, सोलर स्टडी लैंप, सोलर लालटेन का इस्तेमाल कर बिजली बचाने का संकल्प लिया है। हर घर सोलर की अवधारणा सफल हुई। लगभग 63 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र घरेलू छतों पर लगाए गए हैं। शहर के केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों और प्रतिष्ठानों का इनर्जी आडिट करवाया गया।
कार्बन डाईआक्साड के उत्सर्जन में आएगी कमी
मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न संस्थानों से पधारे विद्वानों, वैज्ञानिकों और ऊर्जा संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञों का अभिनन्दन करते हुए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सांची और देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ा है। सांची के पास नागौरी में तीन मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना के फलस्वरूप सांची सोलर सिटी बनी है। निकट भविष्य में गुलगांव में पांच मेगावाट की सौर परियोजना स्थापित होगी जो कृषि क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांची सोलर सिटी से वार्षिक 14 हजार टन से अधिक कार्बन डाईआक्साड के उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 2 लाख 38 हजार से अधिक पेड़ों के बराबर है। ईकोफ्रेंडली सुविधाओं से पर्यावरण प्रदूषण रूकेगा। ई-व्हीकल को बढ़ावा दिया गया है। चार कामर्शियल चार्जिंग पाइंट तथा तीन ई रिक्शा चार्जिंग पाइंट स्थापित कर दिए गए हैं। बैटरी वाहनों के चलने से 9 लाख से अधिक मूल्य के डीजल की भी बचत होगी।
07/09/2023
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