यात्राओं के सहारे मतदाताओं को साधेगी भाजपा

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हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले हर एक व्यक्ति तक पहुंच बनाने के लिए भाजपा यात्राओं के सहारे हैं। भाजपा ने 3 सितंबर से 24 सितंबर तक जन आर्शीवाद यात्रा निकालने की तैयारी की है। 22 दिन में 15000 किलोमीटर का सफर तय कर भाजपा एक बड़ी आबादी को साधने की कोशिश करेगी। भाजपा की जनआर्शीवाद यात्रा की शुरुआत चित्रकूट से तीन सितंबर को शुरू करने जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जनआर्शीवाद यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे। भाजपा प्रदेश में पांच प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों से जनआर्शीवाद यात्रा शुरू करने जा रही है। इन यात्रियों की तारीख अलग-अलग होंगी। यात्राओं के शुभारंभ पर केंद्रीय नेताओं को बुलाया जाएगा। भोपाल में 25 सितंबर को कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन होगा। इसमें भाजपा ने 10 लाख कार्यकर्ताओं को शामिल करने का लक्ष्य रखा है। इस कार्यकर्ता सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। भाजपा ने कार्यकर्ता सम्मेलन की तैयारी भी शुरू कर दी है।  भाजपा ने पांच यात्राओं को निकालने के लिए सात रथ तैयार कराए हैं। इसमें से पांच रथ यात्रा में शामिल होंगे और दो रथ विपरीत परिस्थिति के लिए रिजर्व रखे जाएंगे। पांच यात्राएं भाजपा विंध्य, ग्वालियर-चंबल, मालवा-निमांड, महाकौशल और मध्य भारत से निकालेंगी।  इसमें क्षेत्र के अनुसार नेता शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार यह यात्राएं सितंबर माह में 24 तारीख तक भोपाल पहुंच जाएगी। इस दौरान जनआर्शीवाद यात्रा 15 हजार किमी की दूरी तय करेगी। यात्राओं में एक दिन में पांच बड़े बड़े आयोजन होंगे। साथ ही छोटे छोटे आयोजन होंगे। जिनमें बड़े स्तर से लेकर स्थानीय नेता सभाओं को संबोधित करेंगे। रविवार को जन आशीर्वाद यात्रा की तैयारियों से जुड़ी बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, केन्द्रीय मंत्री व चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने बारी-बारी से संबोधित किया। जनआशीर्वाद यात्राओं का प्रदेश संयोजक नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को बनाया गया है। भाजपा अजा मोर्चा की बैठक में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य हर वर्ग का विकास करना रहा है। कांग्रेस ने 70 साल में सिर्फ समाज को बांटकर वोटबैंक की राजनीति की, इस कारण एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है। प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, उत्तर प्रदेश में अजा वर्ग का सबसे अधिक वोट भाजपा को मिला था। अब मप्र की बारी है, इसलिए कार्यकर्ता जुट जाएं।
अबकी बार सामूहिक जन आशीर्वाद यात्रा
देश व प्रदेश की राजनीति यात्राओं का बड़ा महत्व रहा है। और यह यात्रायें गेंम चेंजर रही हैं। भाजपा की राजनीतिक सफर में यात्रायें शुभाकंर साबित हुई हैं। लालकृष्ण आडवाणी की राम रथ यात्रा भाजपा को सत्ता शिखर पर पहुंचाने का सबसे बड़ा साधन बनी थी। राजनीति में निरंतर नाकामयाब साबित होने वाले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जनता के दिलों में स्थान बनाने के लिए पदयात्रा का रास्ता चुना है। भाजपा भी प्रदेश में अपना शासन अक्षुण्ण रखने के लिए तीसरी बार जन आर्शीवाद यात्रा निकाल रही है। 2013 के विधानसभा चुनाव जन आर्शीवाद यात्रा के माध्यम से भाजपा सरकार विरोधी लहर को दरकिनार कर प्रचंड बहुमत हासिल करने में कामयाब हुई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी जन आर्शीवाद यात्रा निकाली गई थी, किंतु एट्रोसिटी एक्ट से अंचल में बना भाजपा विरोधी माहौल भारी पड़ा था। 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जन आर्शीवाद के रथ पर सवार होकर सत्ता तक पहुंचने का प्रयास है। भाजपा नेताओं को उम्मीद है जनआर्शीवाद यात्रा चुनाव में भाजपा के लिये शुभंकर साबित होगी।
इस बार पूरी तरह से बदले होंगे  जन आर्शीवाद यात्रा में चेहरे
पार्टी के सूत्र बताते हैं 2013 व 2018 की जन आशीर्वाद यात्रा में भाजपा का चेहरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। इस बार की जनआर्शीवाद यात्रा में चेहरे बदले हुए होंगे। इस बार जन आर्शीवाद यात्रा में मुख्यमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, नरोत्तम मिश्रा के चेहरे होंगे। जन आर्शीवाद यात्रा में सामूहिक नेतृत्व रहेगा। माना जा रहा है 20 साल से प्रदेश की जनता शिवराज सिंह चौहान का देख रही है। अब जनता का वो लगाव नहीं रहा है। हर बार पार्टी घोषित रूप से शिवराज सिंह चौहान के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ती थी। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा का चेहरा कौन होगा इस सवाल पर भाजपा खामोश है। भाजपा नेता मीडिया के बीच इस सवाल का जवाब भी दार्शनिक अंदाज में दे रहे हैं। जन आर्शीवाद गेंम चेंजर होगी कि नहीं, यह विधानसभा चुनाव में तय होगा।
सरकार की उपलिब्धयां गिनाकर माहौल बनाएगी
केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों से झोली भरी हुई है। कांग्रेस जिसे सत्ता विरोधी लहर बता रही है, वास्तव में वह भाजपा के देवतुल्य कार्यकर्ताओं की नाराजगी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में सत्ता छीनने के बाद सवा साल बाद ही भाजपा ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बल पर फिर से सरकार बना ली। भाजपा नेता इस उपलब्धि से इतने मद में चूर हो गए कि अपने ही कार्यकर्ता को भूल गए। कांग्रेस से आए लोगों व भाजपा कार्यकर्ताओं के संतुलन बनाने के चक्कर में निगम मंडलों व वरिष्ठ पार्षदों व सहकारिता क्षेत्र में बड़े स्तर पर होने वाली नियुक्तियों तक को किनारे कर दिया। इस चूक का एहसास भाजपा नेतृत्व को भी है। जन आर्शीवाद यात्रा के माध्यम से भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के साथ केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाकर अपने पक्ष में माहौल तैयार करेगी। कांग्रेस ने प्रदेशभर में यह बात फैलाने में सफल रही है कि भाजपा को इस चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा। एंटी इंकंबेंसी की आहट भाजपा नेतृत्व को सुनाई देने लगी है। इसी सत्ता विरोधी लहर को भाजपा चुनाव से पहले भाजपा के पक्ष में बदलने के लिये एक सितंबर से जन आर्शीवाद यात्रा प्रदेशभर में निकालने की योजना बना रही है। यह यात्रा प्रदेश के पांच स्थानों से शुरू होगी। और 22 दिन में 230 विधानसभाओं को कवर करेगी। यानी की हर यात्रा के हिस्से में 40 के लगभग विधानसभा क्षेत्र आएंगे।

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