भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। र्केन्द्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रदेश कैडर के जिन तीन आईपीएस अफसरों की विभागीय जांच राज्य सरकार द्वारा शुरु करने का फैसला किया है, उन तीनों ही अफसरों ने शासन द्वारा जारी किए गए आरोप पत्र पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। रिटायर्ड एडीजी वी मधुकुमार, संजय माने और एडीजी सुशोभन बनर्जी ने विभागीय जांच से पहले आरोप पत्र पर जवाब दाखिल कर दिया है। आरोप पत्र के जवाब में लिखे पत्र में कहा गया है कि ना हम पर कोई छापा डाला गया है और ना हमारे पास कोई पैसा है, ना ही कोई बरामदगी हुई है, फिर किस बात की कार्रवाई। उन्होंने सवाल उठाया है कि, कहीं नाम लिखा मिल जाने से जांच कैसी..?। इन तीनों अफसरों के नाम आयकर छापों में मिले दस्तावेजों में सामने आए थे। सरकार ने इनसे इस मामले में जवाब मांगा था, जिससे संतुष्ट न होने पर 26 जून को विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे। इस जांच का जिम्मा रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह को दिया गया है। 1989 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अफसर बी मधुकुमार और संजय माने और 1991 बैच के आईपीएस अफसर सुशोभन बैनर्जी इस जांच के विरोध में है। गौरतलब है कि 2019 में कारोबारी अश्विन शर्मा और प्रतीक जोशी के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापे डाले थे। तब उनके यहां से लेन-देन की डायरी और फाइलें जब्त की गई थी। जिसमें तीनों अफसरों के नाम सामने आए थे। दरअसल यह जांच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट के आधार पर 1989 बैच के एडीजी सुशोभन बनर्जी एवं संजय माने और 1991 बैच के एडीजी व्ही. मधुकुमार के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है। गौरतलब है कि इस मामले में चुनाव आयोग के पत्र के बाद ईओडब्ल्यू ने दिसंबर 2020 में एफआईआर दर्ज की थी। अब गृह विभाग ने पूर्व आईपीएस अफसर व्ही. मधुकुमार, संजय माने और सुशोभन बैनर्जी के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि आयकर विभाग ने अप्रैल 2019 में 50 से ज्यादा ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। इन ठिकानों से करोड़ों के लेन-देन की डायरी और कंप्यूटर फाइल जब्त की गई थी। इसमें कांग्रेस के कई विधायकों और मंत्रियों के नाम भी सामने आए थे। लोकसभा चुनाव से पहले कई लोगों को भारी-भरकम राशि ट्रांसफर करने का दस्तावेज एजेंसी को मिला था। उस वक्त इस मामले को लेकर राज्य की राजनीति में जमकर हंगामा हुआ था। तब तत्कालीन सीएम कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बीजेपी नेतृत्व पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।
इसी माह होंगे बनर्जी सेवानिवृत्त
उल्लेखनीय है कि इसी माह 31 जुलाई को एडीजी सुशोभन बनर्जी रिटायर हो जाएंगे। उन्हें भी पूर्व दो एडीजी की तरह ही पेंशन मामले में परेशान होना पड़ेगा। इसकी वजह है , उनके खिलाफ शुरु हुई जांच। उनका नाम भी आयकर छापे के बाद सामने आया था। इस मामले में चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अफसरों के खिलाफ जांच करने की सिफारिश की थी। पत्र में अफसरों को निलंबित करने को भी कहा गया था। बहरहाल, सरकार ने अफसरों को निलंबित नहीं किया, लेकिन आरोप पत्र जारी करते हुए जवाब मांगा था। गृह विभाग को अफसरों की तरफ से एक जैसा ही जवाब दिया गया है। सरकार के बदलने के बाद भी अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई। अब जाकर सरकार ने आरोप पत्र जारी किया। फिर जांच के बीच एडीजी संजय माने और वी मधुकुमार रिटायर हो गए। दोनों अफसरों का आरोप के चलते प्रमोशन तक रुक गया था। ऐसी ही स्थिति एडीजी सुशोभन बनर्जी के साथ ही बनी। उन्हें भी रिटायरमेंट से पहले स्पेशल डीजी के प्रमोशन से वंचित होना पड़ेगा।
07/07/2023
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