- सक्रिय नहीं हुए तो न करें मदद की उम्मीद
- हरीश फतेहचंदानी
पार्टी के विधायकों द्वारा अपने इलाकों में की जा रही कम मेहनत से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुश नही हैं। यही वजह है कि उनके द्वारा विधायकों से की जा रही वन टू वन मुलाकात में साफ कह दिया गया है कि अगर मेहनत नहीं की तो फिर हमसे मदद की उम्मीद न करें। यह चेतावनी अब निष्क्रिय विधायकों को तब दी जा रही है, जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए महज छह माह का ही समय बचा है। इसे मुख्यमंत्री की तरफ से अपने विधायकों के लिए अंतिम चेतावनी के रुप में देखा जा रहा है। दरअसल जिस तरह का प्रदेश में राजनैतिक माहौल अभी बना हुआ है, उसे देखते हुए अब खुद मुख्यमंत्री ने चुनावी तैयारियों की कमान संभाल ली है। यही वजह है कि अब एक बार फिर से उनके द्वारा विधायकों से मुलाकात की शुरुआत की गई है।
इस मुलाकात के दौरान एक बार फिर से पार्टी विधायकों को उनकी वास्तविकता बताई जा रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा साफ तौर पर उन्हें चेताया जा रहा है। सीएम ने विधायकों से साफ कहा है कि जितनी वे स्वयं मेहनत कर रहे है, उतनी ही उन्हें भी करनी होगी। वन टू वन के दौरान मुख्यमंत्री ने विधायकों को बताया कि किस तरह से कार्यसमिति की बैठक में उनके क्षेत्रों में बन रहे वातावरण और वहां संतुष्टि और असंतुष्टि को लेकर चर्चा हुई है। सदस्यों द्वारा साफ तौर पर विधायकों के रवैये और उनके क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण में लापरवाही की जा रही है, जिससे क्षेत्रों में समस्याओं के निराकरण हेतु तत्काल प्रभाव से काम करने की आवश्यकता है। सीएम ने संगठन की दृष्टि से सुझाए गए प्रस्तावों को भी विधायकों के सामने रखा है। इस दौरान विधायकों ने अफसरशाही की शिकायत करते हुए कहा कि वह उनकी बात नहीं सुनता है। इस पर सीएम ने कहा कि आप लोग कार्यक्रम आयोजित करिए और मुझे बुलाइए, मैं सुनूंगा। मौके पर अफसर भी रहेंगे। दरअसल पार्टी की भोपाल में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में शामिल होने आए विधायकों को सीएम ने रोक लिया था और उनसे वन- टू-वन चर्चा की है। दरअसल सीएम ने विधायकों के मैदानी प्रदर्शन को लेकर एक सर्वे कराया था। इसी सर्वे की रिपोर्ट को विधायकों के सामने रखा गया। चौहान ने कार्यसमिति की बैठक में भी पार्टी के नेताओं और विधायकों से कहा था कि कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाए, क्योंकि कार्यकर्ताओं को खुश किए बिना हम अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे। इसके बाद उन्होंने बैठक में आए सदस्यों से कहा था कि यदि आप लोगों को मुझसे मिलना है, तो सीएम हाउस आ जाएं।
कार्यकर्ताओं से जारी है मुलाकात
सीएम ने शुक्रवार को भी देर रात तक कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात की थी। यह सिलसिला शनिवार को भी चलता रहा। शनिवार को सीएम ने सुबह केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और जयमान सिंह पवैया से अपने निवास पर चर्चा की थी। इसके बाद कार्यकर्ताओं से और उसके बाद विधायकों से चर्चा की। जानकारों की माने तो प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न मुद्दों पर शीर्ष नेतृत्व ने चर्चा की थी। उन मुद्दों को विधायकों तक पहुंचाने का जिम्मा शिवराज को सौंपा गया है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने विधायकों को बुलाकर उनसे चर्चा की है। विधायकों को क्षेत्र में अपनी सक्रियता और बढ़ाने की सलाह दी गई है। मुख्यमंत्री ने विधायकों को बताया कि किस तरह से कार्यसमिति की बैठक में उनके क्षेत्रों में बन रहे वातावरण और वहां के जनता की संतुष्टि और असंतुष्टि को लेकर चर्चा हुई है। सीएम ने साफ तौर पर माना कि विधायकों के रवैए और उनके क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण में लापरवाही हो रही है। क्षेत्रों में समस्याओं के निराकरण के लिए तत्काल प्रभाव से काम करने की आवश्यकता है।
दफ्तर में भी चलती रहीं मुलाकातें
भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में भी बीते रोज वरिष्ठ नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं, संगठन के पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मुलाकात की है। पूर्व सांसद नारायण केसरी, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया सहित कई वरिष्ठ नेताओं से शर्मा की बंद कमरे में बैठकें हुई है। भाजपा नेताओं ने कहा, संगठनात्मक गतिविधियों को लेकर चर्चा की है। इधर, भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में भी शनिवार को वरिष्ठ नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं, संगठन के पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों सहित अन्य कार्यकर्ताओं से प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मुलाकात की। संगठन महामंत्री हितानंद से भी कार्यकर्ताओं की मुलाकात हुई है। सभी ने संगठनात्मक गतिविधियों को लेकर चर्चा की है।