एक सप्ताह पहले ही कर देंगे बुजुर्ग और दिव्यांग मतदान

बुजुर्ग और दिव्यांग मतदान

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। निर्वाचन आयोग इस साल के अंत में होने वाले मप्र विधानसभा के चुनावों में नया नवाचार करने जा रहा है। इसके तहत पहली बार 80 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं और दिव्यांगों को घर पर ही एक सप्ताह पहले मतदान करने की सुविधा देने जा रहा है। इसकी वजह है उन्हें मतदान के दौरान होने वाली परेशानी से बचाना। आयोग इस नवाचार की पूरी तैयारी कर चुका है। आयोग के इस निर्णय की वजह से अब राजनैतिक दलों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ रही है।
चुनावी प्रचार के समय अब राजनैतिक दलों को सबसे पहले इन दोनों ही वर्ग के मतदाताओं पर फोकस करना होगा। दरअसल प्रदेश में 80 साल से अधिक उम्र वाले करीब 7.40 लाख मतदाता हैं, जबकि दिव्यांग मतदाताओं की संख्या करीब 5.07 लाख है। इस तरह से दोनों ही श्रेणी के मतदाताओं की संख्या 12.47 लाख  होती है। इस संख्या को देखते हुए इन्हें गेम चेंजर के रुप में देख जा रहा है। अगर औसत निकाला जाए तो प्रदेश की हर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब सात हजार होती है। विधानसभा चुनाव में लगभग इतने ही मतों के अंतर से हार-जीत होती है। चुनाव आयोग इस तरह का नवाचार हाल ही में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में भी कर चुका है। इसके तहत चुनाव घोषित होने के पांच दिन के अंदर इन वोटरों से फॉर्म नंबर 12 डी भरवाया जाएगा। इसमें वोटर की सहमति ली जाएगी कि वोट फ्रॉम होम करना चाहते हैं या नहीं। उनकी सहमति के बाद चुनाव की तारीख से 7 दिन पहले दो पोलिंग ऑफिसर घर पर पहुंचेंगे और पोस्टल बैलेट के माध्यम से इनके वोट डलवाएंगे। वोटिंग के दौरान वीडियोग्राफी करवाई जाएगी।
इसकी वजह से माने जा रहे हैं अहम
इन मतदाताओं को बेहद अहम मानने की वजह है 2018 के आम विधानसभा चुनाव के परिणाम। जिसमें 46 सीटों पर हार -जीत का अंतर पांच हजार से कम मतों का रहा था। इनमें भी 16 सीटें ऐसी थीं, जिनमें 1,300 से लेकर 2,000 वोट का अंतर रहा था। जबकि 10 सीटों पर अंतर यह अंतर एक हजार से भी कम था। इन बेहद कम अंतर वाली सीटों में ग्वालियर दक्षिण पर 121, सुवासरा पर 350, जबलपुर उत्तर में 578, राजनगर में 732, दमोह में 798, ब्यावरा में 826 और राजपुर में 932 वोट जीत का अंतर था।

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