काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की भारत की प्रस्तावित यात्रा हाल के उपचुनावों में झटके सहित आंतरिक कारणों से टल गई है। प्रचंड के करीबी सहयोगी के अनुसार, ऐसी संभावना है कि उनकी पहली विदेश यात्रा जून से पहले नहीं होगी। यह दूसरी बार है जब प्रचंड का भारत दौरा आंतरिक कारणों से टाला गया है। पिछले साल दिसंबर में तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद भारत की यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी।
प्रधानमंत्री प्रचंड के करीबी सहयोगी ने शनिवार को कहा कि नेपाल सरकार आगामी वित्तीय वर्ष के लिए मई के अंत में अपना वार्षिक बजट पेश करने की तैयारी कर रही है और प्रधानमंत्री की भारत यात्रा उसके बाद ही होगी। करीबी सहयोगी अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि आंतरिक कारणों से प्रधानमंत्री की प्रस्तावित यात्रा में और देरी हुई है और ऐसी संभावना नहीं है कि उनकी यह यात्रा जून से पहले होगी।
इससे पहले सरकार दो मई से तीसरे हफ्ते के बीच प्रचंड के भारत दौरे की तैयारियों में जुटी थी। नेपाल में हाल ही में हुए उपचुनावों के नतीजों ने भी 68 वर्षीय प्रधानमंत्री को देश में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए यात्रा पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर किया है। इस महीने जिन तीन सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे, उनमें से सत्तारूढ़ गठबंधन को दो सीटें गंवानी पड़ीं। केवल जनता समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र यादव सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन से बारा-2 से जीतने में कामयाब रहे।
उपचुनाव में दो सीटों पर जीत हासिल करने वाली राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह वर्तमान स्थिति में प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल नहीं होगी और वह अपने रुख की समीक्षा कर रही है कि गठबंधन सरकार को बाहर से अपना समर्थन जारी रखा जाए या नहीं। टीवी पत्रकार से नेता बने रवि लामिछाने ने चितवन-2 से जीत हासिल की, जबकि जाने-माने अर्थशास्त्री स्वर्णिम वागले ने तन्हू-1 से जीत हासिल की। प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार के अस्तित्व के लिए प्रतिनिधि सभा में 21 सीटों के साथ आरएसपी का समर्थन महत्वपूर्ण होगा। प्रचंड के आठ दलों के नेतृत्व वाले गठबंधन में नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-माओवादी केंद्र, सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी, जनमत पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनमोर्चा शामिल हैं।