मप्र में तेजी से बदल रहा औद्योगिक परिदृश्य

औद्योगिक परिदृश्य
  • प्रदेश में स्थापित होंगे 100 नए  क्लस्टर

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र आज तेजी से औद्योगिक परिदृश्य पर उभर रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग और समन्वय से प्रदेश में तेजी से औद्योगिक इकाइयां विकसित हुई हैं। प्रदेश में 70 से अधिक क्लस्टर बन चुके हैं। सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत सरकार ने 13 क्लस्टर स्वीकृत किए हैं। 11 और क्लस्टर जल्द मिलेंगे। प्रत्येक जिले में युवाओं को मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सब्सिडी के अंतरण से उद्यमियों के लिए कार्य करना आसान हुआ है। प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद के तहत 100 से अधिक क्लस्टर बनाए जाएंगे।
जानकारी के अनुसार, 100 से अधिक क्लस्अर बनाए जाने के क्रम में केंद्र सरकार की ओर से 13 क्लस्टरों को स्वीकृति मिली है, अन्य 11 क्लस्टरों की स्वीकृति का इंतजार है। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर 71 क्लस्टरों की कार्ययोजना तैयार कर ली है। शेष पर कार्य करना है। सरकार का अनुमान है कि इन क्लस्टरों से दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है।  फिलहाल 95 क्लस्टर चिह्नित किए जा चुके हैं। राज्य सरकार के तय 71 में से 27 क्लस्टर स्वीकृत हो चुके है। और 27 स्वीकृति के लिए प्रक्रियाधीन है। शेष क्लस्टर के प्रस्ताव प्राप्त हुए है और भूमि का चिह्नांकन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा क्लस्टर का उद्घाटन कराने की तैयारी की जा रही है। क्लस्टरों के माध्यम से प्रदेश में स्टार्टअप को भी बढ़ावा मिलेगा।
स्वीकृति के लिए प्रक्रियाधीन क्लस्टर
सागर के सिद्धगुवा फर्नीचर क्लस्टर, जबलपुर के भटौनी में फर्नीचर क्लस्टर और कुद्वारी में नवीन गारमेंट क्लस्टर, भोपाल के ग्राम अगरिया छापर में फर्नीचर क्लस्टर, मुरैना के ग्राम हिंगोना खुर्द में खाद्य प्रसंस्करण क्लस्टर, बैतूल के कोसमी में बहुमंजिला औद्योगिक परिसर, नीमच के सगराना में फर्नीचर क्लस्टर, मनासा और बामनबरडी में बहु उत्पाद क्लस्टर, इंदौर मालीखेड़ी में बहुत उत्पाद क्लस्टर, हातोड़ के ग्राम मोरखेड़ा में फूड पार्क प्रालि, देवास के कालूखेड़ी में इंजीनियरिंग और बहु उत्पाद क्लस्टर, उज्जैन के नीमनबासा में इंजीनियरिंग क्लस्टर, मुरैना के मलखानपुर बानमोर में फर्नीचर और बहु, उत्पाद क्लस्टर, छिंदवाड़ा के सौंसर में फर्नीचर और खाद्य प्रसंस्करण क्लस्टर, पन्ना के जनकपुर में डायमंड क्लस्टर, धार के सरदारपुर ग्राम अमझेरा में बहु उत्पाद क्लस्टर, बदनावर ग्राम भोइंदा में बहु उत्पाद क्लस्टर, मंदसौर के पानपुर में बहु उत्पाद क्लस्टर, धार के लम्हेरा बुजुर्ग में बहु उत्पाद क्लस्टर, भोपाल के अचारपुरा में प्लास्टिक क्लस्टर, भिंड के छीमका में बहुउत्पाद क्लस्टर।
मप्र सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था
सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की औद्योगिक इकाइयां ही मप्र की अर्थ-व्यवस्था की आत्मा हैं। यह इकाइयां स्थानीय स्तर पर कृषि उत्पादों तथा अन्य सामग्री का वैल्यू एडिशन करने के साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करती हैं। अर्थ-व्यवस्था को गति देने में इन इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर की इकाइयों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सरकार प्रदेश में इन इकाइयों का जाल बिछाना चाहती है। मप्र भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थ-व्यवस्था है। प्रदेश की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ हो गई है, जिससे पर केपिटल इनकम एक लाख 40 हजार रूपए है। सिंचाई क्षमता में भी हमने बहुत वृद्धि की है। कृषि हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ है। कृषि उत्पादों के वैल्यू एडिशन में कौशल उन्नयन से युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर निर्मित किए जा रहे हैं। प्रदेश में 17 क्लस्टरों के नए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं इनमें भूमि का चिह्नांकन किया जा चुका है। इंदौर में फार्मा पार्क, खाद्य प्रसंस्करण क्लस्टर रंगवासा, प्लास्टिक क्लस्टर धन्नड, धार सरदारपुर बहु उत्पाद क्लस्टर, नीमच में चार बहु उत्पाद क्लस्टर सगराना, भिंड के अटेर, अशोक नगर के दियाधार, दतिया के घरावा, रतलाम के बिलपांक, मंदसौर के खजुरिया, शाजापुर के धतुरिया, खरगोन के डाबरिया, सिवनी के करहैया, आगर मालवा के जोगपुरा में बहु उत्पाद क्लस्टर के प्रस्ताव आए हैं।

Related Articles