कौन करे कार्रवाई
सरकारी नियमों के मुताबिक वैसे तो नौकरशाहों से लेकर मंत्रियों तक को एक ही सरकारी वाहन की पात्रता है, लेकिन यह सब मिलकर बड़ा खेल करते हैं। मंत्रियों के घरों पर कई -कई सरकारी वाहन सेवा में लगे रहते हैं, लेकिन वे कागजों में किसी और के नाम पर आवंटित होते हैं। यही हाल नौकरशाहों से लेकर आला अफसरों तक के मामले में है। अब ऐसे दो मामलों का खुलासा करते हुए प्रदेश कांग्रेस के सभी प्रकोष्ठों के प्रभारी जेपी धनोपिया का आरोप है कि लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव और जल संसाधन विभाग के राज्य मंत्री राम किशोर कांवरे की गाडिय़ों के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उनका आरोप है कि भार्गव के नाम पर दो वाहन है। एक वाहन का 90 हजार 355 और दूसरे वाहन का 96 हजार 617 रुपए भुगतान किया गया है। इसमें से एक गाड़ी राम नरेश नामक व्यक्ति के नाम पर दर्ज है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शासकीय अधिकारियों को दस लाख रुपए तक के वाहनों में चलने की पात्रता है। जबकि अधिकतर अधिकारी 20 लाख रुपए से ज्यादा के वाहनों में घूम रहे हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जल संसाधन विभाग में दो वाहन मंत्री और एक वाहन राज्यमंत्री के नाम पर है। जबकि एक वाहन अवर सचिव को आवंटित है। जिसका उपयोग मंत्री कार्यालय के लिए किया जा रहा है।
पंडोखर सरकार की शरण में
चुनावी साल में नेताओं को संत और महात्माओं की याद आने लगी है। हालात यह है कि जो नेता कभी संत महात्माओं को भला बुरा तक कहते थे वे , अब उनकी शरण में हाजरी लगाने से पीछे नहीं रह रहे हैं। चौकानें वाली बात यह है कि इसमें अब कांग्रेस नेता सबसे आगे दिख रहे हैं। अब कमलनाथ के बेहद करीबी सज्जन सिंह वर्मा भी श्री पंडोखर धाम जा पहुंचे। उनके साथ जो नेता गए उनमें सबसे चौंकाने वाला नाम फूल सिंह बरैया का है। उनके साथ पूर्व विधायक हेमंत कटारे भी श्री पंडोखर सरकार से आर्शीवाद लेने पहुंचे। इसके पहले कमलनाथ भी बागेश्वर धाम जा चुके हैं। वैसे भी कमलनाथ बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के नेता माने जाते हैं।
सिर मुड़ाते ही गिरे ओले
सरकार के बेहद करीबी एक प्रमोटी आईपीएस अफसर के मामले में वह कहावत पूरी तरह से फिट बैठती दिख रही है। जिसमें कहा जाता है कि सिर मुड़ाते ही ओले पड़ गए। यह अफसर हैं खंडवा के एसपी सत्येंद्र शुक्ला। दरअसल वहां पर आयोजित लाड़ली बहना योजना के सम्मेलन में सीएम शिवराजसिंह चौहान भी शामिल होने वाले थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के पहुंचने से कुछ देर पहले मंत्री विजय शाह के बेटे दिव्यदित्य शाह जैसे ही मंच पर जाने लगे तो एसपी ने उनका कॉलर पकड़ा और मंच से धक्का देकर उतार दिया। बात यहीं समाप्त नहीं होती हैं उनके इस मामले के बाद पंधाना से भाजपा विधायक राम दांगोरे ने कहा कि जब एसपी ने पंधाना जनपद अध्यक्ष को गेट पर धक्का दिया तो मैं उन्हें लाने के लिए वहां पहुंचा तो मुझे भी मंच से नीचे नहीं उतरने दिया। अब यह मामला तूल पकडऩे लगा है। अब यह पूरा मामला सीएम तक पहुंचाने की तैयारी कर ली गई है।
जारी है उपकृत करने का खेल
इन दिनों सरकार द्वारा अपने नेताओं को उपकृत करने का खेल जमकर जारी है। निगम मंडलों व तमाम प्राधिकरणों में बीते कुछ दिनों में की गई राजनैतिक नियुक्तिओं के बाद अब उन्हें कैबिनेट से लेकर राज्यमंत्री तक का दर्जा मुक्त हाथों से दिया जा रहा है। दरअसल इस दर्जा के पीछे इन नेताओं को उन तमाम तरह की सुविधाओं को देना है, जो मंत्रियों की मिलती हैं। यह दर्जा ऐसे समय दिया जा रहा है जब प्रदेश का सरकारी खजाने की माली हालात बेहद खराब बनी हुई है। अब बीते रोज इसी कड़ी में बाबूलाल बंजारा, भरतदास बैरागी, हेंमत तिवारी और सुल्तान सिंह शैखावत को कैबिनेट और विभाष उपाध्याय को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।