भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार चाहती है की प्रदेश के शहरी इलाकों का व्यवस्थित विकास हो जिससे की चारों महानगरों में बढ़ने वाले लोगों के दबाव को कम किया जा सके। इसके लिए शहरों के सात समूह बनाए गए हैं। इसके आधार पर ही विकास की नई प्लानिंग पर सरकार ने काम शुरु करने की योजना बनाई है। अहम बात यह है कि इसमें संभागीय शहरों को लिया गया है। इस काम का जिम्मा मप्र नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय को दिया गया है। प्रदेश के कुल दस संभागीय मुख्यालयों में से आधा दजर्न संभागीय मुख्यालय वाले शहरों के विकास का प्लान संयुक्त रूप से तैयार किया जाएगा। इस प्लान को कुल सात भागों में बांटा गया है। नई अर्बन प्लानिंग में औद्योगिक क्षेत्र, आठ लेन सडक़, ग्रेड सेपरेटर, सैटेलाइट टाउनशिप, बायपास समेत अन्य विकास कार्यों पर फोकस रहेगा। इनमें भोपाल और नर्मदापुरम संभाग का एक प्लान तैयार किया जाएगा। इसी तरह ग्वालियर और चंबल संभाग के साथ रीवा और शहडोल की प्लानिंग भी एक साथ ही की जाएगी। जबकि इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और सागर संभागों का अलग-अलग प्लान तैयार किया जाएगा। इसके लिए पूरी जानकारी संबंधित जिलों के कलेक्टर से मांगी गई है। इसके अलावा नए और प्रस्तावित मास्टर प्लान की प्लानिंग को भी इसमें शामिल करने की योजना है। इस प्लान में शहरों के बीच का सर्वे कराया जाएगा। जिस संभाग में जितने भी शहर आते हैं। उनका पूरा खाका तैयार किया जाएगा। रिपोर्ट में जमीन की उपलब्धता, प्राकृतिक संपदा, क्षेत्र, सरकारी व निजी जमीनों का खाका, संबंधित जोन में आने वाले शहरों की दूरी का खाका तैयार कर प्लानिंग एरिया का चयन किया जाएगा। इसके लिए शहरों के जोन के आधार पर भावी आबादी की गणना की जाएगी। भावी जनसंख्या के लिए शिफ्ट एंड शेयर, इंक्रीमेंटल और अर्थमेटिक टैक्नीक का उपयोग किया जाता है। तीनों विधियों से निकाले गए आंकड़े लगभग एक समान होते हैं।
प्रोजेक्टों की जानकारी
शहरों के बीच में प्रस्तावित, विचाराधीन और ऑनगोइंग प्रोजेक्टों की जानकारी का खाका तैयार किया जाएगा। यदि रोड डेवलपमेंट का प्रोजेक्ट है तो एनएचएआई, एमपीआरटीसी, पीडब्ल्यूडी या किसी प्राधिकरण का प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट के तहत क्या-क्या विकास कार्य किए जाने हैं। इसके अलावा प्रदेश में 37 शहरों के मास्टर प्लान पर काम किया जा रहा है। आठ शहरों के मास्टर प्लान लागू कर दिए गए हैं। इनकी रिपोर्ट स्टडी कर नया प्लान तैयार किया जाएगा। मास्टर प्लान के तहत तय प्लानिंग एरिया में रिंग रोड, उद्योग क्षेत्र, बायपास समेत कई डेवलपमेंट का खाका तैयार किया जाता है।
बीच शहर में बनेगीं सैटेलाइट टाउनशिप
नए अर्बन प्लान के तहत शहरों के बीच सैटेलाइट टाउनशिप विकसित की जाएगी। सैटेलाइट टाउनशिप में एक ही क्षेत्र में कई सुविधाएं मिलेगी। इसमें स्कूल, कॉलेज, पॉश रेसिडेंशल एरिया, उद्योग, कॉपोर्रेट ऑफिस, हॉस्पिटल आदि की सुविधा मिलेगी। मिक्स लैंडयूज का प्रावधान किया जाएगा। इनका विकास भी सिर्फ हाईवे के किनारे किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि शहरों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और जमीन की उपलब्धता को लेकर सैटेलाइट टाउनशिप का विकास किया जाता है। इससे शहरी विस्तार को बढ़ावा मिलता है। दूसरा फायदा यह है कि शहर से दूर के क्षेत्रों का विकास होता है। यह टाउनशिप भविष्य के मद्देनजर अत्याधुनिक बनाई जाती हैं।
प्लान के लिए की जाएगी रायशुमारी
प्लान तैयार करने से पहले संबंधित शहरों के जनप्रतिनिधियों से भी रायशुमारी की जाएगी। इसमें सांसद, विधायक, प्लानिंग एरिया में आने वाले पार्षद और सरपंचों से भी चर्चा की जाएगी। प्लान का प्रारंभिक खाका तैयार कर दावे-आपत्ति भी बुलाई जाएंगी। ताकि पहली बार तैयार हो रहे प्लान में लोगों के सुझाव और प्रावधानों से होने वाली समस्याओं का निराकरण किया जा सके।
01/04/2023
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