मध्यप्रदेश के गौरवशाली भविष्य निर्माण का आधार स्तंभ हैं युवा

  • शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान

आज का दिन देश में स्वाधीनता की अलख जगाने वाले क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान का दिन है। इन वीर सपूतों ने स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध निरंतर संघर्ष, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्र प्रेम का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया और अपने प्राणों की आहुति दी। आज शहीद दिवस पर इन स्वातंत्र्य वीरों को मेरा शत्-शत् नमन।
युवा शक्ति के शौर्य, पराक्रम, श्रम, निष्ठा और साहस ने भारत के स्वाधीनता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज परिस्थितियां भिन्न हैं, विकासशील भारत प्रगति की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करते हुए विश्व पटल पर अपनी विशेष पहचान बना चुका है। सुखद संयोग है कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है। यहां का जन-मन युवा है। मध्यप्रदेश में लगभग दो करोड़ युवा हैं जो प्रदेश की कुल आबादी का एक चौथाई है। आने वाले कई दशकों तक प्रदेश की जनसंख्या में अधिकतम युवा ही रहेंगे। इस जनसांख्यिकी लाभांश अथवा डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ मध्यप्रदेश को मिल पाए इसके लिए युवाओं को सक्षम बनाना मेरी प्राथमिकता है। मेरा मानना है कि जब प्रदेश का युवा सक्षम होगा, समृद्ध होगा तो मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। इसलिए युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिये युवा नीति तैयार की गई है। इस नीति का उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना है ताकि वे प्रदेश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। आज मध्यप्रदेश के युवाओं के लिए ऐतिहासिक दिन है। क्योंकि आज हम युवाओं के साथ मिलकर प्रदेश की प्रगति और विकास का नया दौर प्रारंभ करने जा रहे हैं। मैं यूथ महापंचायत में शामिल होने आये प्रिय भांजे-भांजियों का हृदय से स्वागत करता हूं। मैं चाहता हूं कि मध्यप्रदेश का युवा शिक्षित, कौशलपूर्ण, स्वस्थ और आत्मविश्वास से परिपूर्ण हो। वे अपनी संस्कृति और संस्कारों का आदर करें, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कार्य करें और अपनी प्रगति के साथ राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनें। आज का युवा ही भविष्य का नेतृत्वकर्ता है जो प्रदेश के निर्माण में बड़ी भूमिका निभा सकता है। यह समय मेरे लिये कई मायनों में विशेष है। एक ओर क्रांतिवीरों के बलिदान से जन्मा देश प्रेम का जज्बा है तो दूसरी ओर भाजपा द्वारा सौंपे गये मुख्यमंत्री के दायित्व की चौथी पारी में जन सेवा के तीन साल पूरे हुए हैं। तीसरा अपने प्रदेश के युवाओं, अपने भांजे-भाजियों के साथ उनके भविष्य निर्माण को लेकर मंथन करना है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि तुम केवल साढ़े तीन हाथ के हाड़-मांस के पुतले ही नहीं हो, ईश्वर का अंश हो, अमृत के पुत्र हो और तुम अनंत शक्तियों के भंडार हो। बस आत्मविश्वास होना चाहिए। सचमुच हम यदि निश्चय कर लें और रास्ता बना लें तो कोई कार्य असंभव नहीं है। मेरा मानना है युवा वे होते हैं जिनके पैरों में गति हो, सीने में आग हो और आंखों में सपने हो। यदि वे ठान लें तो काम पूरा करके दिखाते हैं। स्वामी विवेकानंद जी ने भविष्यवाणी की थी कि, आने वाली सदी भारत की होगी। आज एक और नरेंद्र (प्रधानमंत्री श्री मोदी जी) के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। भारत एक वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र बनकर विश्व गुरु के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत विकास के नये सोपान गढ़ रहा है। उन्होंने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। नई शिक्षा नीति हो या आईआईटी और आईआईएम का विस्तार, नए स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न से लेकर खेलो इंडिया तक उन्होंने इन सबके साथ युवाओं के लिए हर जरूरी पहल कर उन्हें मजबूती प्रदान की है।
युवा शक्ति विकसित मध्यप्रदेश का आधार स्तंभ है। प्रदेश में नई स्टार्टअप नीति लागू होने के बाद युवाओं ने स्टार्टअप के क्षेत्र में चमत्कार किया है। मुझे इस बात की खुशी है कि प्रदेश के युवाओं ने हर क्षेत्र में अपनी योग्यता और क्षमता को सिद्ध किया है। विगत खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी प्रदेश के युवाओं ने 39 स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश को गौरवान्वित किया है।  
आज से लगभग दो दशक पहले प्रदेश में दो ऐसे वर्ग थे, जिनकी उम्मीद खत्म हो चुकी थी। पहला हमारी बहनें-बेटियां और दूसरा युवा वर्ग। बेटियां बोझ थीं और युवा रोजगार के अभाव में हताश थे। हमारे ही गांव के कई साथी ग्रेजुएशन करके धक्के खा रहे थे, न निवेश था, न रोजगार था। युवाओं की अनंत संभावनाओं को आकार देने के लिए हमने प्रदेश में एक लाख से अधिक सरकारी नौकरियों में भर्ती, शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सीएम राइज स्कूल, मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना, ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति तथा अन्य योजनाओं से रोजगार तथा स्व-रोजगार उपलब्ध करवाया। युवाओं के लिए मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू किया। यह दुनिया का सबसे बड़ा इंटर्नशिप प्रोग्राम है जो मध्यप्रदेश को गुड गवर्नेंस देने में सफल होगा। इंटर्नशिप का कार्य ज्ञान, भक्ति और कर्म का त्रिवेणी संगम है। इससे जुड़कर युवा अपनी जिंदगी का एक नया अध्याय प्रारंभ कर चुके हैं। युवाओं में कौशल विकास कर तरक्की के नए पंख देने के लिए मुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना भी शुरू की है। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि प्रदेश में राज्य युवा आयोग का पुनर्गठन और जिला स्तर पर युवा संसाधन केन्द्रों की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
मुझे इस बात का संतोष है कि मध्यप्रदेश के युवा अब नौकरी मांगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बन रहे हैं। आज युवाओं के हाथ में कौशल है, उनके पास जीविका का साधन है। प्रदेश की 44 लाख 50 हजार से अधिक बेटियां लाड़ली लक्ष्मी बन गई हैं, मेरी लाड़ली बेटियां अब कॉलेज जाने लगी हैं। कुछ वर्षों में वे अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण करेंगी।
मैं युवाओं के विकास और उनके सपनों को पंख लगाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। आज के इस समागम में आपके साथ विचार-विमर्श से जो भी निष्कर्ष सामने आयेंगे उससे आपके सुनहरे भविष्य के निर्माण को और गति मिलेगी। आइये हम संकल्प लें मध्यप्रदेश की उन्नति का, विकास का और समृद्धि का। मेरा प्रयास है कि प्रदेश के युवा सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनें और अपने परिवेश, समाज तथा प्रदेश के प्रति संवेदनशील रहें। मुझे विश्वास है कि मेरे प्रदेश का कुशल और स्वावलंबी युवा आजादी के अमृतकाल को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश निर्माण के स्वर्णिम अवसर में बदलकर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचायेंगे।
(लेखक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)

Related Articles