जन-कल्याण में जन अभियान परिषद की अहम भूमिका : मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री चौहान

योजनाओं में जन-भागीदारी के लिए नोडल एजेंसी होगी परिषद
स्वैच्छिक संगठनों के लिए अब परिषद के पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के स्वैच्छिक संगठनों को एकजुट कर पर्यावरण-संरक्षण, योजनाओं के क्रियान्वयन और कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों में जन-कल्याण के कार्यों से जुड़ी रही जन अभियान परिषद शासकीय योजनाओं में जनता की भागीदारी के लिए नोडल एजेंसी बनेगी। साथ ही प्रदेश में काम करने वाले प्रत्येक स्वैच्छिक संगठन को परिषद के पोर्टल में पंजीयन करवाना अनिवार्य रहेगा। परिषद जन-कल्याण के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही है। इस नाते परिषद से जुड़े सभी लोग बहनों के सशक्तिकरण के लिए प्रारंभ हुई लाड़ली बहना योजना और नए मध्यप्रदेश के निर्माण के संकल्प में संकल्पबद्ध होकर कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज भोपाल के जम्बूरी मैदान में प्रदेश में कार्यशील जन अभियान परिषद की प्रस्फुटन समितियों, नवांकुर संस्थाओं, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के मेंटर्स एवं स्वैच्छिक संगठनों के सदस्यों के राज्य स्तरीय महाकुंभ को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सम्मेलन का दीप जलाकर शुभारंभ किया। प्रारंभ में सरस्वती वंदना और राष्ट्र-गीत वंदे-मातरम का गायन हुआ। कन्या-पूजन और बहनों के पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री का प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आई बहनों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भी बहनों का शाल ओढ़ा कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने परिषद की पुस्तिका “प्रेरणा पथ” एवं अन्य प्रकाशनों का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में वित्त, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में महिलाएँ एवं संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जन अभियान परिषद ने अद्भुत कार्य किया है। यह स्वैच्छिक संगठनों का महासंगठन है, जो अब एक वट वृक्ष बन गया है। परिषद ने जल-संरक्षण, नशा-मुक्ति और ऊर्जा की बचत जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य किया है। वर्ष 2019 में परिषद की गतिविधियों को तत्कालीन सरकार ने प्रोत्साहित करने के स्थान पर बंद करने का कार्य किया। नवांकुर संस्थाओं को दी जाने वाली वित्तीय मदद बंद कर दी गई। समाज-सेवा से जुड़े लोग तत्कालीन सरकार को चुभ रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि औरों के लिए जीना ही वास्तविक जीवन है। सिर्फ अपने लिए जीने का कोई अर्थ नहीं है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार की योजनाएँ जनता तक पहुँचाने के लिए परिषद परिश्रम के साथ कार्य कर रही है। समाज को जोड़ कर ही चमत्कार किया जा सकता है। जनता के कल्याण का चमत्कार तभी होगा, जब समाज सरकार के साथ खड़ा हो। मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश को नई ऊँचाइयों पर ले जाना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब सड़कों की कोई सुविधा नहीं थी। बिजली और सिंचाई का अभाव था। आज मध्यप्रदेश इन क्षेत्रों में आत्म-निर्भर है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में एक गौरवशाली, वैभवशाली और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। पूरा देश प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ खड़ा है। पड़ोसी देश भी अपने यहाँ मोदी जी जैसा प्रधानमंत्री होने की ख्वाहिश रखते हैं। कोविड के दौर में प्रधानमंत्री ने देशवासियों की सहायता कर उनकी हिम्मत बढ़ाने का कार्य किया। भारत में वैक्सीन निर्मित की गईं। जन अभियान परिषद ने भी कोरोना के दौर में जनता के हित में अच्छा कार्य किया।

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अमल में परिषद बने सहयोगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहनों के सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना प्रारंभ की गई है। योजना के क्रियान्वयन में परिषद के कार्यकर्ता, सदस्य और पदाधिकारियों को सहयोग करना है। बहनों के मान-सम्मान में वृद्धि के लिए काफी चिंतन के बाद यह योजना प्रारंभ की गई है। योजना के आने से परिवारों में महिलाओं के मध्य परस्पर प्रेम और सम्मान बढ़ेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना की विशेषताएँ बताते हुए कहा कि संकट के समय परिवार को इस राशि से मदद मिल सकती है और बहनों के हाथ में राशि होने से राशि का सदुपयोग ही परिवार के हित में होता है। मुख्यमंत्री ने अपेक्षा की कि योजना के लिए 25 मार्च से आवेदन-पत्र भरवाने के कार्य में परिषद और नवांकुर संस्थाएँ सक्रियता से कार्य करेंगी। योजना के लिए पात्रता के मुख्य बिन्दुओं से भी आम जन को अवगत करवाना आवश्यक है। इसमें भी सभी सदस्यों को सहयोग करना है।

पेसा नियम और मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में ही पेसा नियम लागू है। प्रदेश के 89 ब्लाक में पेसा नियम अंतर्गत ग्राम सभाओं की शांति निवारण समितियाँ बनाई जा रही हैं। इस कार्य में परिषद और नवांकुर संस्थाओं को सहयोगी बनना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना, जो सिर्फ कोविड में माता-पिता खोने वाले बच्चों के लिए लागू की गई है, अब उन सभी बच्चों के लिए भी लागू है, जिनके माता-पिता नहीं रहे। अनाथ बच्चों को सहारा देने वाली इस योजना की जानकारी भी जरुरतमंदों तक पहुँचाई जाएँ और उन्हें लाभ दिलवाया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दिलवाया संकल्प
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सम्मेलन में उपस्थितों को प्रदेश के विकास में सहयोगी बनने का संकल्प दिलवाया। प्रारंभ में परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जामदार ने कहा कि आज पूरे प्रदेश की बहनें यहाँ उपस्थित हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश उन्नत प्रदेश बन गया है। मुख्यमंत्री ने स्वर्णिम मध्यप्रदेश का सपना देखा। उसके लिए वे निरंतर परिश्रम और जनता की सेवा कर रहे हैं। सिंचाई हो या विद्युत क्षेत्र, बेटियों और बहनों का कल्याण हो या प्रदेश की विकास दर में वृद्धि, मध्यप्रदेश इन सब में आगे हैं। प्रदेश में प्रत्येक क्षेत्र में विकास हुआ है। परिषद के उपाध्यक्ष श्री विभाष उपाध्याय ने आभार माना। परिषद के महानिदेशक श्री बी.आर. नायडू उपस्थित थे। परिषद के कार्यपालक निदेशक श्री धीरेंद्र पांडे ने भी संबोधित किया।

त्रिपक्षीय एमओयू हुआ
सम्मेलन में मुख्यमंत्री एवं म.प्र. जन अभियान परिषद के अध्यक्ष श्री चौहान की उपस्थिति में एक त्रिपक्षीय एमओयू हुआ। इसमें जन अभियान परिषद, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामीण विश्वविद्यालय, सतना और हार्ट फुलनेस संस्था (श्री रामचन्द्र मिशन),  समुन्नति फायनेन्शियल इंटर मेडिएशन एण्ड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान की घोषणाएँ
मध्यप्रदेश जन अभियान प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों द्वारा संचालित जनहितकारी योजनाओं में जन-भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए परिषद नोडल एजेंसी रहेगी।
मध्यप्रदेश में कार्यरत प्रत्येक एनजीओ को जन अभियान परिषद के पोर्टल में पंजीकरण करना और वार्षिक प्रतिवेदन एवं गतिविधियों को अपलोड करना अनिवार्य है, जिससे पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
राज्य शासन का प्रत्येक विभाग अपने विभाग द्वारा कराए जाने वाले विविध योजनाओं के प्रचार-प्रसार का कार्य, सर्वे एवं जन-भागीदारी के सभी कार्य जन अभियान परिषद को सौंपेगा।

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