भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार का खजाना भले ही खाली है , लेकिन सरकार की हवाई यात्रा पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च करने में गुरेज नहीं किया जा रहा है। हालात यह है कि अगर बीते तीन सालों की बात की जाए तो हर साल औसतन राज्य सरकार किराए के हवाई जहाज और हैलिकॉप्टर पर औसतन 13 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। अगर इसे उड़ान के घंटो के हिसाब से देखें तो एक घंटे की उड़ान पर चार लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। बीते तीन साल में प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने 1639 कुल यात्राएं की हैं, जिन पर 39 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। खास बात यह है कि यह खर्च महज यात्रा का है, इसमें जहाज के वापसी का खर्च शामिल नही है। अगर इसे भी शामिल कर लिया जाए तो यह खर्च और अधिक हो जाएगा। यह जानकारी कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव के प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार की ओर से दी गई है। कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव ने प्रश्न में पूछा गया था कि 1 अप्रैल 2020 से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, अन्य मंत्रियों और अधिकारियों ने निजी विमानन कंपनियों को उनके विमानों और हेलीकॉप्टरों को किराए पर लेने पर भुगतान की गई राशि के बारे में था। इसके उत्तर में मुख्यमंत्री ने लिखित उत्तर में बताया कि निजी विमान या हेलीकॉप्टर किराए पर तब लिए जाते हैं, जब सरकार के स्वामित्व वाले विमान मंत्रियों या वरिष्ठ अधिकारियों को ले जाने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। सरकारी विमानों का 94 और हेलिकॉप्टर का 982 बार उपयोग किया गया, जबकि निजी विमानों और हेलिकाप्टरों के मामले में पिछले तीन सालों में 222 और 97 बार किराए पर लिया। ये जहाज पांच विमानन कंपनियों से लिए गए, जिन्हें 36.39 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। कुल मिलाकर निजी और सरकारी दोनों विमानों और हेलिकाप्टरों का उपयोग करके 1395 यात्राओं पर 39.35 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
02/03/2023
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