भारत में जेट स्ट्रीम का असर, पड़ेगी भीषण गर्मी हिमखंड पिघलने और हिमस्खलन की आशंका
देश में सक्रिय पश्चिमी जेट वायु धारा से मौसम का मिजाज चौंका रहा है। उत्तराखंड में भी इसका व्यापक असर पड़ने की आशंका है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है। जिससे हिमखंड पिघलने और हिमस्खलन की आशंका है। इसके साथ ही प्रदेश में गर्मी का एहसास भी होने लगा है। अगले पांच दिन तापमान में अत्यधिक वृद्धि को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। अक्टूबर में मानसून की विदाई के बाद से ही उत्तराखंड वर्षा को तरस रहा है। शीतकाल में प्रदेश में औसत वर्षा में 70 प्रतिशत से अधिक कमी दर्ज की गई। वर्षा और बर्फबारी कम होने से दिसंबर-जनवरी में भी सामान्य से कम ठंड रही है और ज्यादातर समय वातावरण शुष्क रहा।
सरकार का तोहफा: अब 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग भी होंगे अंग मांगने के लिए योग्य
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पंजीकरण, आवंटन और प्रक्रिया के अन्य पहलुओं के लिए समान दिशा-निर्देशों को तय करने के वास्ते राज्यों के परामर्श से ‘एक राष्ट्र, एक अंग आवंटन’ नीति पर काम कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, एक समान नीति से ‘देश के किसी भी अस्पताल में मृतक दाताओं से प्रतिरोपण से मरीजों की मदद हो सकेगी।’ मृतक दाताओं के अंग प्राप्त करने वाले रोगियों के पंजीकरण के लिए 65 वर्ष की आयु सीमा को समाप्त कर दिया है। एनओटीटीओ ने दिशानिर्देशों में आवश्यक बदलाव किए हैं जो अब 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के रोगियों को मृत दाताओं से अंग प्राप्त करने के लिए खुद को पंजीकृत करने की अनुमति देता है।
गालियां देती थी पत्नी, करती थी अत्याचार हाई कोर्ट ने कहा- आप तलाक के हकदार
दिल्ली हाई कोर्ट में पत्नी के अत्याचारों से पीड़ित एक पति का केस आया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया कि हर व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। इसलिए पति के तलाक लेने का फैसला जायज है। यह मामला फैमिली कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था। पारिवारिक अदालत ने पति को पत्नी से तलाक लेने की मंजूरी दी थी। फैसले के खिलाफ पत्नी ने हाई कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने महिला की अपील को खारिज करते हुए कहा कि पारिवारिक अदालत का फैसला गलत नहीं है। फैमिली कोर्ट सही नतीजे पर पहुंची है कि पति के साथ क्रूरता की गई है। उस पर अत्याचार हुआ है। कोर्ट ने कहा, हम इस बात से संतुष्ट हैं कि रिकॉर्ड में जो क्रूरता साबित हुई है, वह पर्याप्त है।
यूपी-एमपी, राजस्थान सहित कई राज्यों को जाने वाली 547 ट्रेनें रद्द, कई के मार्ग बदले
दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में शुमार भारतीय रेलवे से रोज ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर यात्री सफर करते हैं। इतने विशाल नेटवर्क में कहीं न कहीं बाधा आना स्वभाविक है। इसी कारण रेलवे को रोज अपनी ट्रेनों के संचालन में फेरबदल करना पड़ता है। पटरियों की मरम्मत, निर्माण या फिर एक्सीडेंट के कारण पटरियों के बाधित होने से ट्रेनों को कैंसिल या डायवर्ट करना पड़ता है। आज शुक्रवार 17 फरवरी को भी रेलवे ने 547 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। आज जो ट्रेनें रद्द हुई हैं, उनमें पैसेंजर, मेल और सुपरफास्ट गाडिय़ां शामिल हैं। रेलवे को कल भी 517 ट्रेनों को कैंसिल करना पड़ा था। नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, आज 444 ट्रेनों को पूरी तरह कैंसिल किया गया है।