सासन पावर ने 4 साल से जमा नहीं कराया रॉयल्टी

सासन पावर
  • अनिल अंबानी के आधिपत्य वाली कंपनी की मनमानी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अनिल अंबानी के आधिपत्य में संचालित रिलायंस सासन पावर और खनिज विभाग में ऐसी ठनी है कि कंपनी पिछले चार साल से रायल्टी जमा नहीं करा रही है। रॉयल्टी जमा कराने के लिए खनिज विभाग  रिलायंस की सासन पावर कंपनी को कई बार नोटिस दे चुकी है। लेकिन कंपनी की कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है। इस कारण रिलायंस की सासन पावर कंपनी पर मध्य प्रदेश सरकार का करीब 300 करोड़ रुपये बकाया हो गया है। जानकारी के अनुसार रिलायंस सासन पावर को वन भूमि व पानी के उपयोग के बदले वन विभाग व जल संसाधन विभाग को भुगतान करना होता है। साथ ही खनिज विभाग को रॉयल्टी व राजस्व विभाग को भू-भाटक जैसे मदों में निर्धारित राशि देनी होती है। इतना ही नहीं पुलिस सुरक्षा के बदले पुलिस विभाग को भी देनदारी तय है। सासन पावर व कोल माइंस प्रबंधन की ओर से शुल्क भुगतान में अनियमितता के चलते बकाए की रकम 300 करोड़ से अधिक की हो गई है। संबंधित विभागों के अधिकारियों की माने तो बकाया वसूली के लिए कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद नतीजा सिफर है।
लगातार बढ़ रहा बकाया
जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में 82 करोड़ रुपये की रॉयल्टी की राशि बकाया थी, जिसके बाद से लगातार यह बकाया बढ़ता गया। पिछले चार साल से बकाया राशि राज्य सरकार के कोष में जमा नहीं की गई है। सासन पावर का तर्क है कि वह राज्य सरकार को बिजली उत्पादन के लिए कोयला सप्लाई करती है, जिसका बकाया करीब 300 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने सासन पावर को नहीं दिया है। बता दें, राज्य सरकार और सासन पावर कंपनी के बीच बकाये को लेकर चल रही खींचतान के कारण वसूली नहीं हो पा रही है। अनिल अंबानी के आधिपत्य में संचालित रिलायंस सासन पावर के लिए लीज पर ली गई कोल खदान की रॉयल्टी की राशि जमा नहीं करने पर खनिज विभाग भी कंपनी को कई बार नोटिस दे चुका है, लेकिन रायल्टी की बकाया राशि जमा नहीं कराई गई। ऐसे में अब खनिज विभाग फिर सासन पावर को बकाया जमा कराने को पत्र लिखेगा। उधर, विभागीय सूत्रों की मानें तो पिछले वर्ष से सासन पावर रायल्टी की राशि नियमित जमा कर रहा है, विवाद केवल पिछला बकाया का है। सासन पावर ऑफ रिलायंस कंपनी से प्रतिमाह राज्य शासन को 20 करोड़ रुपये की रायल्टी प्राप्त होती है। इस तरह रिलायंस द्वारा हर वर्ष शासन के खाते में लगभग 240 करोड़ रुपये की रायल्टी जमा कराई जाती है। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे का कहना है कि सासन पावर से सरकार को बकाया लेना है, यह लगभग 300 करोड़ रुपये है। हमें सासन पावर को कोल सप्लाई का बकाया भी करीब 300 करोड़ रुपये ही देने हैं। खनिज विभाग का यह बकाया पिछले ढाई से तीन साल पुराना है।  जानकारी के अनुसार सिंगरौली में संचालित सासन पावर आफ रिलायंस कंपनी की कोल खदान में वर्ष 2019 में उत्पादन बंद कर दिया गया था। हालांकि, सासन पावर द्वारा रायल्टी की राशि शीघ्र जमा कराने की शर्त के साथ एक दिन बाद ही राज्य सरकार ने उत्पादन शुरू करा दिया था। 2019 में सासन पावर पर बकाये की राशि 182 करोड़ रुपये हो गई थी, जो बढक़र अब 300 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई है।

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